जिला-सिवनी ब्यूरो चीफ
अनिल दिनेशवर
@ प्रेस विज्ञप्ति। 20/06/2022
*नगर परिषद लखनादौन के आधिकार क्षेत्र अंतर्गत आने वाली चौपाटी रोटाझील में दलित, आदिवासियों को नही दी जा रही गुमठी(ठेली) लगाने के लिए जगह*
लखनादौन/ नगर परिषद का है मामला यह मामला प्रकाश में तब आया जब विते दिन शनिवार की शाम एक आदिवासी युवक ने नगर परिषद के कुछ कर्मचारीयों से Unofficial परामर्श के बाद चौपाटी के ब्लॉक नम्बर 2 जोकि नगर परिषद द्वारा लखनादौन के स्थानीय निवासी अशोक कहार के नाम पर ऐलॉट है। युवक ने अशोक कहार से भी परामर्श के बाद ही चूंकि वह जगह खाली थी और अशोक भी वर्तमान में उस जगह का उपयोग नही कर रहा था तो बेरोजगार युवक ने अपनी रोजी रोजगार चलाने हेतु अशोक कहार से बात-चीत कर अपनी YOYO MOMOS के नाम से एक गुमठी(ठेला) लगाया था।
जिसे नगर परिषद की टीम द्वारा चौपाटी के अन्य दुकानदारों के कहने पर बलपूर्वक आदिवासी युवक की गुमठी(ठेली) हटाई गई जिस नगर परिषद के कर्मचारी शहर के किसी मुहल्ले की नाली ठीक करवाने में महिनों लगा देते हैं, वो अधिकारी और पूरी नगर परिषद की टीम रात के 9 बजे एक आदिवासी युवक की गुमठी (ठेली) हटवाने के लिए चले जाते हैं। सिर्फ इसलिए की वह युवक आदिवासी है? नगर परिषद का यह दुर्व्यवहार न्यायोचित नही है, आदिवासी हो या गैर समुदाय सभी को अपना रोजी-रोजगार करने अधिकार है, सूत्रों की माने तो नगर परिषद के नियमों विरूद्ध कार्य अगर हुआ है तो उसकी जांच पड़ताल कर कार्रवाई होनी चाहिए न की डायरेक्ट ऐक्शन।
क्षेत्र के दलित और आदिवासियों के साथ नगर परिषद प्रशासन का यह दोहरा मापदंड उचित नही है, नगर परिषद के इस दुर्व्यवहार से बहुजन समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है, सूत्रों के अनुसार जिले के सभी आदिवासी और बहुजन समाजिक संगठनों में उक्त मामले को लेकर विमर्श किया जा रहा है, अगर मामला शांतिपूर्ण ढंग से नही सुलझा तो आक्रोशित बहुजन-आदिवासी समुदाय नगर परिषद का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेगा। और अपने लोगों के लिए व्यवसाय हेतु जिला प्रशासन हो या नगर परिषद प्रशासन मांग करेगा।