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निषाद पार्टी पर चीटिंग का आरोप, चुनाव आयोग से शिकायत

Nishad party accused of cheating, complaint to Election Commission

लखनऊ,05 जुलाई 2023 (यूएनएस)। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद की पार्टी का सिम्बल खतरे में पड़ सकता है।एक व्यक्ति ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर शिकायत कर उनपर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने चुनाव आयोग में किसी और नाम से अपनी पार्टी रजिस्टर्ड करवाई है, जबकि निषाद के नाम से राजनैतिक पार्टी का संचालन कर रहे हैं।उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी हरिश्चंद्र कश्यप ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि संजय निषाद ने चुनाव आयोग में अपनी पार्टी का नाम श्निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दलश् रखा है ,जबकि चुनावों में वो निषाद पार्टी के बैनर पर जनता के बीच जाते हैं। शिकायतकर्ता ने इसे निषाद समाज का अपमान बताते हुए संजय निषाद की पार्टी का रजिस्ट्रेशन खारिज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की है। दिल्ली स्थित मुख्य चुनाव आयोग को दिए शिकायती पत्र में बताया गया है कि आयोग द्वारा 23 दिसंबर 2021 को जारी जारी दलिए सूचि के क्रमांक संख्या 1770 पर संजय निषाद की पार्टी श्निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दलश् का पंजीकरण हुआ है। पत्र का लबोलुआब यह है की संजय निषाद ने अंग्रेजी में निषाद को लिखा है, एनआईएसएचएडी। अंग्रेजी में लिखे इन्ही शब्दों को उन्होंने विस्तार दिया है। जिसका मतलब है ,एन का मतलब निर्बल, आई का मतलब इंडियन, एस का मतलब शोषित, एक का मतलब हमारा, ए का मतलब आम, जबकि डी का मतलब दल है। शिकायतकर्ता को इसी बात पर आपत्ति है। उन्होंने आयोग को बताया है कि ऐसा करना कानूनी अपराध है। उन्होंने ऐसा करके समूचे निषाद बिरादरी, जिसमें कश्यप,मल्लाह,बिंद, माझी,मझवार, गोड़, गुडिया, धुरिया, कहार, धीवर और वाथम जैसी नाम वाली जातियां आती हैं, उन्हें अपमानित किया है। निषाद पार्टी रखने से सीधा मतलब यह निकलता है कि उनकी पार्टी एक खास जाति की पार्टी है। उनकी पार्टी के नाम को सुनकर इस बिरादरी के लोग भ्रमित होते हैं। शिकायतकर्ता ने पत्र के माध्यम से चुनाव आयोग से गुजारिश की है कि संजय निषाद की पार्टी पर प्रतिबंध लागाया जाय और उन्होने जो कुकृत्य किया है उसके लिए उन्हें दंडित किया जाय।

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