बाड़मेर. संभागीय आयुक्त ने सुनी परिवेदनाए, दिए निराकरण के निर्देश

*जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित*

संभागीय आयुक्त ने सुनी परिवेदनाए, दिए निराकरण के निर्देश

शिकायतों का हो गुणवतापूर्ण समाधान – मेहरा

बाड़मेर, 18 जनवरी। आमजन की जनसुनवाई की त्रिस्तरीय व्यवस्था के अन्तर्गत माह जनवरी के तीसरे गुरुवार को कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय जनसुनवाई संभागीय आयुक्त बीएल मेहरा की अध्यक्षता आयोजित की गई। इस मौके पर मेहरा ने परिवादो को गम्भीरता से सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को उनके समुचित समाधान के निर्देश दिए। इस दौरान जिला कलेक्टर अरूण कुमार पुरोहित भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर सम्भागीय आयुक्त मेहरा ने कहा कि जिला स्तरीय जनसुनवाई में प्राप्त परिवेदनाओं पर अधिकारी गम्भीरता के साथ कार्यवाही कर उनका त्वरित एवं गुणवतापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें। क्योंकि यह सरकार की सुशासन की परिकल्पना को साकार करने का एक सशक्त माध्यम है।  इस दौरान संभागीय आयुक्त मेहरा ने ब्लॉक स्तर पर जनसुनवाई में समस्याओं के वही समाधान के निर्देश दिए ताकि लोगो को जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़े। उन्होंने कहा कि उपखंड स्तरीय जनसुनवाई में समस्या का समाधान नहीं होने पर ही परिवादी जिला स्तरीय जनसुनवाई में आता है। मेहरा ने जिला स्तरीय जनसुनवाई में आने वाली सभी परिवादों की रशीद देने और विभागीय कार्मिक लगाकर परिवादों को लिखने की व्यवस्था मौके पर करने को कहा ताकि ग्रामीण असाक्षर परिवादियों को अर्जीनिवेशों के चक्कर नही लगाने पड़े। उन्होने जनसुनवाई का व्यापक प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर पुरोहित ने जनसुनवाई में बार-बार आने वाली शिकायतो को सूचीबद्ध कर और उनकी प्रभावी मोनिटरिंग करने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर पुरोहित  जनसुनवाई में आई सभी परिवादों की विस्तार से सुनवाई की एवं संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आमजन की परिवेदनाओं के त्वरित समाधान हेतु त्रिस्तरीय जन सुनवाई की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है, जिसे गम्भीरता से लेते हुए ब्लॉक स्तरीय अधिकारी पंचायत स्तरीय जन सुनवाई का प्रभावी पर्यवेक्षण करें।
पुरोहित ने कहा कि आज की जन सुनवाई में प्राप्त प्रकरण एक सप्ताह में निपटाएं जाए।
जिला स्तरीय जनसुनवाई में आए सभी परिवादियो की एक-एक परिवेदना को सम्भागीय आयुक्त ने गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारी से विभागीय पक्ष की जानकारी लेकर न्यायोचित निस्तारण को पाबंद किया।
उन्होंने निर्देश दिए कि सरकारी रास्ते कहीं पर भी बन्द नहीं हो, अतिक्रमण होने पर त्वरित कार्यवाही कर हटाया जाए। उन्होंने अतिक्रमण के प्रकरणों में एक सप्ताह में बेदखली की कार्यवाही करने की हिदायत दी। वही सरकारी भूमि और ओरन गोचर भूमि पर कब्जे की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राजस्व अधिकारियो को सक्रियता से कार्य करने को कहा। उन्होंने रबी की फसल के मुआवजा किसानों के खातो में जमा नहीं होने पर कृषि विभाग के अधिकारीयों को बैंक से संपर्क कर एक सप्ताह में मुआवजा राशि जमा करने के निर्देश दिए। वही पंचायतों में अनियमितता की शिकायतों की मुख्य कार्यकारी अधिकारी को समिति बनाकर जांच के निर्देश दिए।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक दीगत आनंद, अतिरिक्त जिला कलेक्टर हेमेन्द्र नागर एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ पालानीचामी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहें।

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