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दामाखेड़ा। अंतरराष्ट्रीय सदगुरु कबीर संत समागम समारोह आयोजन 14 फरवरी से 25 फरवरी तक होने जा रहे हैं

अंतरराष्ट्रीय सदगुरु कबीर संत समागम समारोह आयोजन 14 फरवरी से 25 फरवरी तक होने जा रहे हैं

अंतर्राष्ट्रीय सदगुरु कबीर संत समागम समारोह माघ मेला कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा में प्रारंभ होने जा रहा है

स्थान। कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा
कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा में बसन्त पंचमी से सदगुरु कबीर संत समागम माघ मेला प्रारंभ होने जा रहा है
जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है।। सत्यनाम ।।

दैनिक कार्यक्रम की रूपरेखा

सा बंद बसंत पंचमी दिनांक 14 फरवरी 204

 

बुधवार अंतरराष्ट्रीय संत समागम माघ मेला

 

दामाखेड़ा

 

2024 19 फरवरी 204 सोमवार से 23 फरवरी

2024 तक विशाल शोभा यात्रा 22 फरवरी 2024

 

गुरुवार भेट बंदगी प्रतिदिन दोपहर एक से 3

 

बजे तक सभा स्थल में सत्संग सभा प्रतिदिन

तीन सत्रों में प्रातः 8 बजे से 10:30 बजे

तक गुरु महिमा पाठ एवं सत्संग प्रवचन

दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक सत्संग भजन
कीर्तन संध्या 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक

सत्संग प्रवचन पंथ श्री का प्रवचन 21 एवं

22 फरवरी 2024 को रात्रिकालीन सभा में पंथ

श्री हुजूर साहिब का प्रवचन माघ पूर्णिमा

शुक्रवार दिनांक 23 फरवरी 2024 सुबह 11

बजे भेट बंदगी एवं भजन कीर्तन शाम 6 बजे

सात्विक यज्ञ आनंदी चौका आरती एवं पंत

श्री गध मुनि नाम साहिब की 32 व पुण्यतिथि

प्रसाद वितरण एवं सामूहिक दीक्षांत समारोह

24 फरवरी 204 शनिवार सामूहिक चलावा चौका

आरती एवं आनंदी चौका आरती 25 फरवरी 2024 इस प्रकार थी
कबीर नगर दामाखेड़ा में 14 फरवरी से 25 फरवरी 2024 तक माघ मेला के अवसर पर विशाल संत समागम समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस मौके पर आते हैं। आज कलेक्टर चंदन कुमार ने सभी अधिकारियों की बैठक कर प्रारंभिक तैयारी करने के निर्देश दिए है। उन्होने सभी संबधित अधिकारियों शत प्रतिशत तैयारी मेले प्रारंभ करने के तीन दिन पूर्व ही कर कहा गया है। ताकि समय सीमा के पूर्व सभी तैयारी पूर्ण कर दी जाए मेले में सभी प्रकार की सफाई की जा रही है साथी प्रशासन द्वारा जल की व्यवस्था की जा रही है जगह नल लगाए जा रहे हैं प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की सेवाएं दी जा रही हैं
छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर कबीर आश्रम हैं। लेकिन दामाखेड़ा का कबीर आश्रम बेहद पवित्र और प्रमुख माना जाता है। इसी आश्रम से सभी आश्रमों की गतिविधियां संचालित होती हैं। कबीर पंथ में चौका, आरती का बहुत महत्व है। यह गुरु पूजा विधान है। चौका आरती भारत की प्राचीन परंपरा है। इसकी सभी गतिविधियां आश्रम से संचालित होती हैं। वहीं समाधि मंदिर में कबीर साहब की जीवनी को बड़े ही मनमोहक एवं कलात्मक ढंग से दीवारों में नक्काशी कर उकेरा गया है। कबीर साहब के प्रगट स्थल की जीवंत झांकी यहां पर श्रद्धालु देखने के लिए देशदुनिया से आते हैं। समाधि मंदिर के मध्य में वंशगुरु उग्रनाम एवं गुरु माताओं की समाधियां स्थित हैं साथ ही यहां पर कबीर पंथ के प्रथम वंश गुरु मुक्तामणि नाम साहब का मंदिर बना हुआ है। जिसके ठीक सामने कबीर पंथ का प्रतीक सफेद ध्वज संगमरमर के चबूतरे पर लहरा रहा है। श्रद्धालु यहां माथा टेकते हैं। पंथ और अनुयायियों की यह तीर्थ स्थली विश्व में प्रसिद्ध है। यहाँ कबीर मठ की स्थापना करीब १०० साल पहले इस पंथ के १२वे धर्मगुरु उग्रनाम साहेब ने की थी ! यहाँ हर साल माघ शुक्ल बसन्त पंचमी से माघ पूर्णिमा तक मेला एवं संत समागम समारोह आयोजित किया जाता है जिसमे देश विदेश से लाखो की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते है ! वर्तमान में यहाँ कबीरपंथियों के धर्मगुरु प्रकाश मुनि साहेब जी गद्दी पर विराजमान है।

रिपोर्टर भोलादास रामपुरा बालोतरा

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