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बडोदिया। पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में बने भगवान के माता पिता की गोद भराई का आयोजन*

*पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में बने भगवान के माता पिता की गोद भराई का आयोजन*

*संयम धारण करने वाले दंपत्ती का रत्नो से किया स्वागत*

अरूण जोशी ब्यूरो चीफ बांसवाड़ा

बडोदिया: पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के माता पिता बनने वाले दंपत्तीे की गोद भराई का आयोजन समारोह पूर्वक हुआ। राजकुमार खोडणिया व दिशांत दोसी ने बताया कि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के परम शिष्य मुनि श्री विमल सागरजी महाराज व प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया के सानिध्य में निम्बाहेडा में 10 से 14 तक होने वाले भव्य श्री शांतिनाथ भगवान पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान की माता सुषमा जैन व पिता बनने का सोभाग्य अनिल जैन बागीदौरा को मिला तो नाना पक्ष से सागरमल खोडणिया परिवार बडोदिया के यहां गोद भराई का आयोजन किया गया । संयम व्रत को अंगीकार कर भगवान के माता पिता बनने वाले इस दंपत्ती का बडोदिया नगर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। गोद भराई-राजकुमार खोडणिया के निवास पर सागरमल खोडणिया, प्रेमलता खोडणिया, सीमा, खोडणिया, लाभांश खोडणिया, साधिका खोडणिया, मोनिका शाह आदि ने भगवान के माता पिता की अष्ट द्रव्य से गोद भराई के साथ रत्नो से स्वागत किया । जिसके उपरांत अष्ट द्रव्य लेकर श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गाजे बाजे के साथ ले जाया गया।जहां पर इनका स्वागत किया गया। संस्कारो का संयम-राजकुमार खोडणिया ने बताया कि अनिल जैन की बेटी अवधी जैन जो की आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशिर्वाद से जबलपुर में संचालित पूर्णायु विद्यालय में पढाई कर रही है जहां पर संस्कारो का ऐसा बीजारोपण तैयार किया जा रहा है कि वहां पढने वाली ज्यादा से ज्यादा बालिकाएं स्वयं संयम की राह पकडते है साथ में परिजनों को भी इस और मोड देते है । उन्ही नक्क्षे कदम पर सबसे पहले बेटी अवधी जैन ने संयम धारण कर आजीवन ब्रहचर्य व्रत का नियम लिया और उन्ही से प्रभावित होकर उसकी माता सुषमा जैन व पिता अनिल जैन ने भी संयम को धारण कर प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के माता पिता बनने का सोभाग्य प्राप्त किया । इससे पूर्व निर्यापक श्रमण मुनि श्री समय सागरजी महाराज के बागीदौरा चातुर्मास के दौरान व्रत नियम लेकर इस दंपत्ती ने पिच्छीका प्राप्त की थी। आचार्य श्री के स्वास्थय लाभ भक्तामर पाठ-इस दौरान आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के स्वास्थ्य लाभ व राजस्थान ,वागड में आगमन की भावना को लेकर भक्तामर का पाठ सामुहिक रूप से किया गया । राजकुमार खोडणिया ने बताया कि हम सब की यही भावना है कि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज पूर्ण स्वस्थ होकर वागड में पधारे । जिससे यहा की धरा धन्य हो जाए । इसके लिए सीमा खोडणिया ने नेमावर में दस उपवास पर आचार्य श्री के समक्ष यही भावना व्यक्त की थी। मामा पक्ष के राजकुमार खोडणिया व सीमा खोडणिया ने आर्यिका पूर्णमति माताजी के बडोदिया चातुर्मास के दौरान केवल्यमती माताजी की पिच्छी करते हुए तथा आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज को अब तक 13 बार आहार दान देने का सोभाग्य प्राप्त करके यही भावना व्यक्त की कि आचार्य श्री का शिध्र ही वागड में आगमन हो जिससे यहां की वसुंधरा खिलखिलाने लगे । राजकुमार ने अपनी बेटी को संस्कार मय बनाने प्रतिभा स्थली में शिक्षा प्राप्त करने दाखिल किया है।बड़ोदिया के प्रथम शिविरार्थी-राजकुमार खोडणिया बड़ोदिया के ऐसे प्रथम शिविरार्थी हैं जो की निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज के सानिध्य में होने वाले दस लक्षण महापर्व श्रावक संस्कार शिविर में खांदु कॉलोनी में भाग लेकर बड़ोदिया की ओर से प्रथम शिविरार्थी होने का सौभाग्य प्राप्त किया था।

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