Follow Us

बस्तर। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से “आमचो बस्तर” नाट्य का हुआ मंचन*

ब्यूरो चीफ मनोज भट्ट
जगदलपुर जिला बस्तर
मोबाइल नंबर…7415646812
14/03/24

*कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से “आमचो बस्तर” नाट्य का हुआ मंचन*

दिनांक 14.मार्च कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के द्वारा बस्तर आर्ट गैलरी जगदलपुर में “आमचों बस्तर “ बस्तर के जंगल, लोक जीवन और लोक कथा पर आधारित नाट्य का आयोजन किया गया । नाटक का निर्देशन विख्यात नाट्य रंग निर्देशक श्री राजकमल नायक जी द्वारा किया गया।

*बस्तर के जंगल, लोक जीवन और लोक कथा पर आधारित थी प्रस्तुति*

इस नाट्य मंचन में बस्तर के जंगल, लोग जीवन यहां की संस्कृति और लोक कथा को नाटक के रूप में प्रदर्शित किया गया है। इस आयोजन से बस्तर के संस्कृति और यहां के प्रकृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह प्रयास किया गया है। इस नाटक को तैयार करने के लिए श्री राजकमल नायक द्वारा जगदलपुर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सौजन्य से 15 दिवस की कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 30 से अधिक स्थानीय कलाकारों को प्रशिक्षण दिया गया एवं अंतिम रूप में “ आमचो बस्तर “ नाटक तैयार हुआ।

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में श्री शलभ कुमार सिंहा, बस्तर पुलिस अधीक्षक,श्री उदित पुष्कर नगर पुलिस अधीक्षक , अभिनव कुमार प्रशिक्षु आईएफएस, एम ए रहीम जी ,निर्मल सिंह राजपूत जी, संजय त्रिवेदी जी ,शरद चंद्र गौड़ जी ,सुश्री उर्मिला आचार्य जी ,बालवीर कच्छ जी,खेम वैष्णव जी, अनिल लुकड़ जी, किशोर पारेख जी , जीएस मनमोहन जी व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थेl

*लोगों तक बस्तर की सकारात्मक छवि और बस्तर में पर्यटन के बढावा देना का है उद्वेश्य

पार्क निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया की माननीय वन मंत्री जी के निर्देशानुसार बस्तर का लोक जीवन तथा बस्तर के आदिवासी समुदाय कैसे जंगलों से गहरा संबंध रखते हैं इस संबंध में नाटक के माध्यम से देश और दुनिया के लोगों को तक पहुंचाने का प्रयास है।

नाट्य “आमचो बस्तर” मूल रूप से पारंपरिक लोक कथा से लिया गया जिसमे निर्देशन और परिकल्पना श्री राजकमल नायक जी द्वारा किया गया। इसमें मुख्य कलाकार विक्रम सोनी, लक्ष्मी कश्यप, भरत गंगादित्य ,धीरज कश्यप, जैनेंद्र सिंह ,पार्थ आचार्य, भूमिका निषाद, नूपुर महानंदी मनीकेतन नाग, कृष्ण खातून कुमार ,अंजलि बेहरा ,सुशीला बघेल हेमलता ,अमर पांडे ,रुखसाना खातून, गीतांजलि, सुलता महाराणा, सविता देवांगन, दिव्या दास ,रजनी उपाध्याय , शशि बघेल ने भुमिका निभाई।साथ ही इस नाटक कला में गीत रचना और गायन के लिए भरत कुमार गंगादित्य, रिंकू पोराई, लक्ष्मी कुड़ीकल रहे ।संगीत वाद्य यंत्र के लिए विशाल सिंह ठाकुर, आकाश तिवारी ,राहुल रायकवार थे। लाइव प्रसारण के लिए अविनाश प्रसाद जी ने सहभागिता दी। इसके अलावा मंच पर सहयोग हेतु गुजराल सिंह बघेल, ,युगल जोशी ,सुमन भास्कर और वन विभाग के कर्मचारि उपस्थित थे। मंच का संचालन श्री अप्रतिम झा और श्री जी एस मनमोहन जी द्वारा किया गया।

Leave a Comment