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मामा के जाते ही प्रदेश के| भंजा भांजियो की शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार लगा रहे है ग्रहण

*मामा के जाते ही प्रदेश के| भंजा भांजियो की शिक्षा को लेकर प्रदेश सरकार लगा रहे है ग्रहण ..?*

*सरकारी स्कूल बंद कर निजी करण शिक्षा संस्थानो को दे रहे हैं बढ़ावा |*

शहडोल जिले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लंबे समय तक मध्यप्रदेश में जनता के बीच अपने लोकप्रियता और कार्यशैली के कारण लोगों के बीच विश्वास जितने के कारण लम्बे समय तक मुख्यमंत्री के पद में कायम रहे |और फर्स्ट उनकी लोकप्रियता बरकरार रहा जिले में 3 वर्ष के अंतराल में उन्नत प्राथमिक विद्यालयों की संख्या घाटकर आधा हो गया | क्या करण है की जिले में सनचलित उन्नत प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को अन्य जगह स्थानांतरण कर विद्यालय बंद करने का निर्देश जिले के कलेक्टर एंव जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा कब और किस के आदेश से सनचलित विद्यालय को बंद कर सरकर के द्वारा बनाये गये लाखों रुपये के भवन जरजर स्थिति में तब्दील हो गया |और उस क्षेत्र के छात्रों को शिक्षा के लिए दार दार भटकने का दिन देखने का समय आ गया

जिले के विकास खण्ड गोहपारु के योर आप का ध्यान आकषर्ण कराते हैं जहां आदिवासी अंचल में गरीबों के बच्चे शासकीय विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य बदलने का जाधोजाहद कर रहे थे |आज उस विकास खण्ड क्षेत्र में लगभग चार उन्नत प्राथमिक स्कूल सनचलित विद्यालयों को दो वर्ष पूर्व ही बंद किया जा चुका है | यह ममला एक विकासखंड का है जिले की अगर बात करें तो शिक्षा स्तर दिन प्रतिदिन गर्द की योर जा रहा है |जिसकी चिंता समाज के नुमांइदगी करने वाले चुने हुए जन प्रतिनिधियों तथा समाजसेवीओ की झूठ भंडाफोड़ जिले के शिक्षा व्यवस्था को देखकर आमजन राजनिति विहीन क्षेत्र के श्रेणी में आदिवासी अंचल शहडोल का गणना करने लगे हैं |

सनचलित विद्यालयों को बंद करने का फरमान
प्रदेश के प्रथम नागरिक महामाहिम राज्यपाल के मार्गदर्शन में संचालन एंव बंद करने का अनुज्ञा प्राप्त होता है |

तो क्या शहडोल जिले के जिम्मेदार अधिकारी सनविधानिक मौलिक पीठ पर बैठे उत्तरअधिकारियों को भी मन गढ्न्त प्रतिवेदन के हवाले से सनचलित विद्यालयों को बंद करने का फरमान सुनाकर| नव निहाल छात्रों को स्कूल के बहार के रास्ते दिखाये

शहडोल जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के पद स्थापना और कार्यशैली को लेकर जिले के अभीभावक निराशअजनक महसूस कर रहे हैं यह दृश्य देखने को तब मिला जब 2024 के कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम आने के बाद छात्र छात्राओं ने शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह उठते हुऎ जिला शिक्षा अधिकारी को कोषने का कार्य कर रही है

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