Follow Us

विंध्य लोकरंग महोत्सव में गूंजी बघेली लोकगीतों की सुमधुर तान

संवाददाता विजय कुमार यादव

उमरिया। विंध्य लोकरंग महोत्सव में देर रात तक बघेली लोकगीतों की खनक गूंजती रही और श्रोता भाव विभोर होकर सुनते रहे । राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात बालकलाकार  मान्या पाण्डेय और नरेंद्र बहादुर सिंह का गायन मुख्य आकर्षण का केंद्र था । सबसे छोटे गायक प्रत्युष द्विवेदी को भी दर्शकों और श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला ।
उत्थान सामाजिक सांस्कृतिक और साहित्यिक संस्था द्वारा सामुदायिक भवन परिसर में आयोजित विंध्य लोकरंग महोत्सव का शुभारंभ एडीएम शिव गोविंद मरावी ने दीप प्रज्वलित कर किया । इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में उमरिया की संपादक त्रयी मेंहदी हसन, संतोष गुप्ता, राजेश शर्मा, और युवा नेता व पार्षद  त्रिभुवन प्रताप सिंह, एकता परिषद के संतोष सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पुष्पराज सिंह, आदर्श कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभय पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रेमनारायण सोनी और वरिष्ठ नेता धनुषधारी सिंह मौजूद रहे । समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार और संस्कृतिकर्मी संतोष कुमार द्विवेदी ने किया।

समारोह के औपचारिक उद्घाटन के बाद राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय ने आदिवासी श्रम गीत ददरिया “आमा के डहरा, महुआ गीत “जरउ भिनसारे के रतिया हो मोर महुआ उजरि गएं”, दादरा गीत “अइसन मिजाजी ताल गगरिया बूड़त नही रे”, जन्म संस्कार गीत “कहूं खेलन निकरि गए हमार लालना,” अंजुरी गीत “हरदी से रंगी रे पियरिया छोड़ाए नही छूटय हो”, जेवनार गारी गीत “उतरत माघ लगत दिन फागुन राम चले हां ससुरारी” एवं टप्पा गीत “बुलेट बनि जा राजा” की मोहक प्रस्तुति दी | इसके बाद बलकलाकर प्रत्यूष द्विवेदी ने बघेली लोकगीत एवं भजन गाए |

कार्यक्रम में आगे विंध्य के प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र बहादुर सिंह सीधी द्वारा बघेली ददरिया, कोलदहका, टप्पा एवं पितमा गीतों की रोमांचक और मनोहारी प्रस्तुति दी गई | उसके बाद लोक गायिका श्रुति सिंह, सुभी सिंह द्वारा विवाह  गीतों एवं लोक गायक कपिल तिवारी द्वारा बघेली दादरा गीतों की प्रस्तुति दी गई | संगतकार थे हरिश्चंद्र मिश्रा, कर्णवीर सिंह, पवन शुक्ला, रजनीश जायसवाल, निर्भय द्विवेदी, मनोज विश्वकर्मा और प्रभुदयाल चौधरी । स्थानीय आदिवासी लोकगायक रामसिंह मरकाम और सोहन चौधरी ने समूह गायन प्रस्तुत किया।

विंध्य लोकरंग महोत्सव में जिले के लोककलाकारों को अंगवस्त्र और स्मृतिचिन्ह भेंट कर समारोह के अतिथि त्रिभुवन प्रताप सिंह, मेंहदी हसन, राजेश शर्मा, चंद्रकांत दुबे और डॉ. अभय पाण्डेय ने सम्मानित किया । सम्मानित कलाकारों में रामकरण सिंह, अंतराम सिंह, शंभू सिंह, श्याम लाल चौधरी,  देवेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, राम सिंह मरकाम, फूलबाई, नगीना सिंह, भाग चंद्र सिंह, समरजीत सिंह, मधु गौतम, प्रेम शंकर मिर्जापुरी, डी. एल. दाहिया, यश कुमार सोनी, देवेंद्र दीपम, सोहन चौधरी और कमलभान सिंह आदि प्रमुख हैं।

बघेली लोककला, संस्कृति और  साहित्य के संरक्षण, संवर्धन, संचयन व प्रकाशन में उत्थान सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति के माध्यम से अभूतपूर्व योगदान देने के लिए वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्कृतिकर्मी अखिलेश पाण्डेय को मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, जिला इकाई उमरिया के अध्यक्ष संतोष कुमार द्विवेदी, सचिव राजकुमार महोबिया द्वारा वाग्देवी सरस्वती की काष्ठप्रतिमा देकर सम्मानित किया गया।

आयोजन को स्थानीय स्तर पर विवेकानंद पैरामेडिकल कॉलेज उमरिया, श्रमजीवी पत्रकार संघ उमरिया, मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई उमरिया, प्रगतिशील लेखक संघ जिला इकाई उमरिया और वातायन साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था के साथ ही रामलखन सिंह चौहान, शंभू सोनी ‘पागल’, भूपेंद्र त्रिपाठी, संपत नामदेव, अजमत उल्ला खान, अनिल मिश्र, महेश अजनबी और शेख धीरज आदि का अभूतपूर्व सहयोग रहा।

Leave a Comment