हजारीबाग उपायुक्त प्रशासनिक काम के साथ-साथ भारतीय संस्कार को भी निभा रही है.. अपने पति की लंबी आयु के लिए किया वट सावित्री की पूजा
हजारीबाग के सभी प्रखंडों में आज के दिन वट सावित्री पर्व मनाया गया ।
नरेश सोनी
हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय ने प्रशासनिक काम के साथ-साथ भारतीय संस्कार को भी निभा रही है अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री की पूजा किया
बताते चलें हजारीबाग के सभी प्रखंडों में आज के दिन वट सावित्री पाव मनाया गया ।
वहीं प्रखंड ईचाक एवं दारू के बीच भारी भरकम बरगद के पेड़ के नीचे दोनों प्रखंडों के हजारों महिलाओं ने बारी-बारी से पूजा आराधना किया जिसमें एक अद्भुत नजारा देखने को मिला किस तरह से विधिगत तरीके से सभी सुहागिन महिलाएं इस पर्व को मनाया यह वट सावित्री व्रत पर सुहागिन महिलाएं इसे विधिगत तरीके से पूजा बरगद के पेड़ को पूजा जिसमें अपने सुहाग के लंबी उम्र का कामना की
सही पूजन का समय
वट सावित्री पर्व हिंदुओं/ सनातनियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है यह वट सावित्री पर्व पुण्यदायी माना गया है। आज मनाया गया है। आज के दिन वट वृक्ष अर्थात बरगद ब्रृक्ष की पूजा का विधान है। वहीं सुहागन महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए इस दिन का उपवास रखती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं इस दिन का व्रत रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है। वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 5 जून 2024 को शाम 07 बजकर 54 पर शुरू हो चुकी है। वहीं, इसका समापन 6 जून यानी आज शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। इसके साथ ही वट सावित्री व्रत की पूजा सुबह 10 बजकर 36 मिनट से दोपहर 02 बजकर 04 मिनट तक के बीच होगी। वट सावित्री व्रत पूजा विधि
इस दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें। पारंपरिक और लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद सोलह शृंगार करें। प्रसाद के लिए सात्विक भोजन तैयार करें। कच्चा सूत, जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम, फूल और पूजन की सभी सामग्री लेकर जहां वट वृक्ष है, वहां पर जाएं। वट वृक्ष पर जल अर्पित करें और उसके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सभी पूजन सामग्री एक-एक करके भाव के साथ अर्पित करें। फिर पेड़ के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करें और उसके चारों ओर सफेद कच्चा सूत बांध दें। वट सावित्री कथा का पाठ करें। अंत में आरती से पूजा का समापन करें। भगवान का आशीर्वाद लें और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें। परिवार के बड़े-बुजुर्ग से भी आशीर्वाद लेना चाहिए।