प्रधानमंत्री सड़क योजना ददरी , उफरी, महरोई गांव की सड़कें, पूरी तरह उखड़ा डामर, गिट्टी भी आई बाहर।
रिपोर्टर विजय कुमार यादव
ओवरलोड ट्रेक्टर ट्राली और डंपरों का भार नहीं सह पाई गांव की सड़कें, पूरी तरह उखड़ा डामर; गिट्टी भी आई बाहर 10 साल में मात्र एक बार हुई रिपेयरिंग, गांवों के पहुंच मार्गं उफरी तिराहा से खलेशर फाटक तक
सरकार ने गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना में रोड तो बना दिए लेकिन इन पर क्षमता से अधिक भारी वाहन ट्रेक्टर (डंपर) चलने से इनकी हालत जर्जर हो गई है। कुछ रोड पर तो डामर पूरी तरह उखड़ चुका है। इसे देख कर कोई कह नहीं सकता कि यह कभी डामर का रोड रहा होगा। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने का ग्रामीणों को ज्यादा दिन फायदा नहीं मिला। सबसे ज्यादा खराब हालत उफरी तिराहा से खलेशर फाटक तक की है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग द्वारा करीब 10 साल पहले ददरी से खलेशर फाटक तक 5 किमी सड़क बनाई थी। क्षेत्र में चल रहे पुल-पुलिया और बांध निर्माण में रेत पहुंचाने के लिए बड़ी मात्रा में ट्रेक्टर डंपर चल रहे हैं। सड़क की क्षमता मात्र 8 टन की है जबकि इन पर 15 से 20 टन रेत के ओवरलोड ट्रेक्टर डंपर चल रहे हैं। यह भी दिन में दो-चार नहीं बल्कि सैकड़ों बार आवागमन हो रहा है। इस सड़क से डामर पूरी तरह गायब हो चुका है और गिट्टी निकल आई है। इस पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। जिम्मेदार विभाग और ठेकेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। आदिवासी गांवों के लोगों के उमरिया मुख्यालय पहुंचने के लिए लंबा फेरा लगाकर अन्य मार्गों का उपयोग करना पड़ रहा है। इस सड़क को लेकर उफरी , महरोई, ददरी, खैरा, अगनहुड़ी, मरदरी,अमड़ी सहित दो दर्जन गांवों के लोगों को भी परेशान होना पड़ रहा है।