बकरीद की नमाज अदा कर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मांगी मुल्क में अमन चैन की दुआ
कुर्बानी त्याग प्रतीक का पर्व एवं समर्पण का त्यौहार ईद उल अजहा बकरीद स्थानीय तहसील मुख्यालय पवई में मुस्लिम धर्मावलंबी ने अकीदत एवं अहतराम आपसी प्रेम शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण परंपरागत तरीके हर्षोल्लास के साथ मनाया बलिदान एवं त्याग के पर्व पर अल्लाह के बंदों ने विशेष नमाज अदा की एवं इस खास मौके पर परवरदिगार से देश दुनिया एवं पूरे देश में सुख शांति खुशहाली के लिए अमन चैन की दुआ मांगी गई मुल्क में अमन भाईचारा बना रहे इस मौके पर ईद उल अजहा पर्व को लेकर सुबह से ही मुस्लिम भाइयों में खासा उत्साह देखने को मिला मुस्लिम समाज के लोगों ने सुबह से ईदगाह बड़ी जामा मस्जिद पवई एवं ईदगाह ईद छोटी मस्जिद नन्ही पवई में सामूहिक रूप से नमाज पढ़ी एवं रब के सजदे में सिर झुकाने हजारों की तादात में एकत्रित हुए एवं मुस्लिम धर्मावलंबी को नगर के विशेष नमाज काजी मौलानाओं द्वारा अदा करवाई गईं इसी दौरान नमाज अदा के बाद अल्लाह ताला से मुल्क के अमन चैन भाईचारे की दुआ मांगी गई एवं नमाज अता करने के बाद लोगों ने खुद की राह में कुर्बानी देने की भी रस्म अदा की तत्पश्चात एक दूसरे को गले लगा कर बकरीद की मुबारकबाद दी ईद उल अजहा पर्व के चलते स्वजातीय बंधु खासे उत्साहित नजर आए आम दिनों की अपेक्षा सोमवार को बकरीद की नमाज पढ़ने के लिए बड़ी तादाद में मुस्लिम भाई अपने नजदीक मस्जिदों में पहुंचे जहां पर पूरी कायनात में ईद उल अजहा की खुशियों से सराबोर हो गए भीषण गर्मी के बावजूद भी तमाम अकीदत मंद सुबह से ही ईदगाह पर पहुंचे जिन्होंने सुबह 9:00 बजे के लगभग नमाज अता की वही हजरत इब्राहिम हजरत इस्माइल के बलिदान इस त्यौहार पर नगर में सुबह से ही रौनक पूरे शबाब पर थी छोटे हो या बड़े सभी टोपी नए साफ सुथरे परिधानों पर नजर आए जो मुस्लिम भाइयों में खास उत्साह देखने को मिला इस अवसर पर मुस्लिम सामुदायिक के लोगों ने बताया है कि इस्लाम में मान्यता है कि बकरीद ईद हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है इस दिन मुस्लिम धर्मावलंबी अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी करते हैं ईद उल अजहा दुनिया भर के मुसलमानों के लिए प्रमुख त्यौहार है यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में बकरीद के नाम से लोकप्रिय है ये पवित्र दिन पैगंबर इब्राहिम द्वारा अपने बेटे इस्लाम को ईश्वर की आज्ञाकारिता में बलिदान देने की इच्छा का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है उन्होंने बताया है कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन अपनी हैसियत के अनुसार कुर्बानी देते हैं और जरूरतमंदों व गरीबों में बांटते हैं कुर्बानी के हिस्सों को तीन भाग में बांटा जाता है एक भाग गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है दूसरा भाग रिश्तेदारों एवं दोस्तों को दिया जाता है वहीं तीसरा भाग खुदके परिवार के लिए रखा जाता है ये त्योहार गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में भाईचारे तथा सद्भावनाओं को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है।
संवाददाता सुरेंद्र पांडे पवई की रिपोर्ट