अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना मतलब अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना : एनसीईआरटी निर्देशक

अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना मतलब अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना : एनसीईआरटी निर्देशक

इंडियन टीवी न्यूज | गुजरात | पीनल नील कुमार

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक डीपी सकलानी ने अभिभावकों के अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों (English medium schools) के प्रति आकर्षण पर अफसोस जताते हुए कहा है कि यह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने से कम नहीं है, क्योंकि सरकारी स्कूल अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में विषयवस्तु को रटने की प्रथा ने बच्चों में ज्ञान की हानि की है और उन्हें उनकी जड़ों और संस्कृति से दूर कर दिया है।

•नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाने पर है जोर

उन्होंने कहा कि माता-पिता अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के प्रति आकर्षित हैं और वे अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजना पसंद करते हैं, भले ही वहां शिक्षक न हों या वे पर्याप्त प्रशिक्षित न हों। यह आत्मघात से कम नहीं है और यही कारण है कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाने पर जोर दिया गया है।

•हम 121 भाषाओं में आ रहे ही प्राइमर (पुस्तकें)

उन्होंने कहा कि हम अब 121 भाषाओं में प्राइमर (पुस्तकें) विकसित कर रहे हैं, जो इस साल तैयार हो जाएंगे और इससे स्कूल जाने वाले बच्चों को उनकी जड़ों से जोड़ने में मिलेगी। सकलानी ने कहा कि हम अंग्रेजी में रटना शुरू कर देते हैं और यहीं से ज्ञान की हानि होती है। भाषा एक सक्षम कारक होनी चाहिए, इससे अक्षम नहीं होना चाहिए।

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