
नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता
राहुल-पूजा की हत्या से गुस्साए ग्रामीणों ने मुनेश्वर भवन के सभी दुकानों को कराया बंद
इचाक बाजार पोस्टऑफिस रोड स्थित दिल्ली कोचिंग के संचालक राहुल कुमार और उनकी पत्नी पूजा यादव की नृशंस हत्या के मामले ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार की शाम को कुरहा गांव के आक्रोशित ग्रामीणों ने मुनेश्वर वस्त्रालय भवन की सभी दुकानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दिया।मुनेश्वर वस्त्रालय भवन में करीब एक दर्जन दुकानें संचालित थीं, लेकिन ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इस भवन का इस्तेमाल राहुल और पूजा की हत्या की साजिश रचने के लिए किया गया था। कुरहा गांव के मुखिया प्रतिनिधि सह समाजसेवी राकेश कुमार मेहता समेत कई ग्रामीणों ने इस बंदी का नेतृत्व किया।
राकेश कुमार मेहता ने कहा, कुरहा गांव निवासी ईश्वर महतो ने अपने छोटे पुत्र बबलू और अन्य सहयोगियों की मदद से अपने बड़े पुत्र राहुल कुमार और बहू पूजा यादव की बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस ने नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के बजाय स्वतंत्र छोड़ दिया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भवन में लगे सीसीटीवी कैमरे से भी छेड़छाड़ की गई है, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। भवन के दुकानदारों ने भी स्पष्ट किया है कि इसी दुकान से अंदर कमरे में जाकर राहुल और पूजा की हत्या की साजिश रची गई थी। इन सब बातों से गुस्साए ग्रामीणों ने फैसला किया है कि जब तक पुलिस इस मामले में संलिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजती, तब तक इस भवन के सभी दुकानें बंद रहेंगी।
इचाक पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में निष्क्रियता दिखाई है। आरोपियों को स्वतंत्र छोड़ने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया है। ग्रामीणों ने कहा कि वे न्याय की मांग को लेकर अडिग रहेंगे और जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा। घटना स्थल पर सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इचाक थाना प्रभारी ने कहा, *”हम इस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। ग्रामीणों के आरोपों की भी जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”*
राहुल और पूजा की हत्या ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश की लहर फैला दी है। लोग इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और सख्त सजा दी जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती और पुलिस निष्पक्षता से काम नहीं करती, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
ग्रामीणों का यह विरोध प्रदर्शन न्याय की मांग के लिए एक प्रतीक बन गया है। वे चाहते हैं कि पुलिस और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लें और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में न्याय और सुरक्षा की मांग के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।