
*छुटमलपुर सहारनपुर* *नगर पंचायत छुटमलपुर की हरिजन कॉलोनी गली न 4 में लगे बडे डिग्रियो के बोड लगाकर हो रहे मरीजो की जिंदगीयो से खिलवाड़*
*डिलवरी से लेकर अबॉर्शन और सीजर ओप्रेशन तक के सपने दिखाकर किया जा रहा है मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ विभाग बना है अनजान*
*मामला बीती रात का उस वक्त चर्चाओं में आया जब डिलीवरी के दौरान एक मासूम बच्चे की मौत हो गई वही जच्चा की हालत भी गंभीर देखते हुए एमरजेंसी में CHCफतेहपुर में भर्ती कराना पड़ा* मिली जानकारी के अनुसार कल सुबह 9 बजे के करीब शमा पत्नी खुशनावेद निवासी मांडेबास थाना गागलेहडी एक दाई के कहने पर होली लाइफ हेल्थ केयर सेंटर लेकर पहुँचे जहाँ डॉक्टरों से बात की गई और डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी होना बताया ओर मरीज को एडमिट कर लिया गया जिसमे डिलीवरी टाइम करीब शाम 5 बजे बताया गया वहीँ परिजन नॉर्मल डिलीवरी को लेकर संतुष्ट हो गए और वही डॉक्टरो ने मरीजो से 1100 रुपये भी जमा करा लिए लेकिन जब शाम 5 बजे के बजाए रात्रि के 9 बज गए तो मरीज तड़पने लगा तो परिजनों को चिंता सताने लगी तो परिजन बार बार डॉक्टर से पूछने लगे डॉक्टर साहब मरीज की कैसी कन्डीशन है लेकिन डॉक्टर बार बार नार्मल डिलिवरी का ही आशवासन देते रहे लेकिन परिजन संतुष्ट नजर नही आये तो डॉक्टरों से छुटी की अपील करने लगे लेकिन डॉक्टरों का दिल नही पसीजा जबकि परिजनों ने कहा डॉक्टर साहब हम सहारनपुर ऑपरेशन करा लेंगे आप हमे छुटी दे दो लेकिन डॉक्टरो ने कहा कि हम ऑपरेशन भी यही करा देंगे तुम परेशान मत हो जब डॉक्टरो से ऑपरेशन के बारे में खर्चा पूछा गया डॉक्टरो ने ऑपरेशन के करीब 30 हजार रुपये बताए लेकिन मरीजो ने कहा हम सहारनपुर 24 हजार रुपये में करा लेंगे वही डॉक्टर ने कहा तुम पहले8 हजार रुपये जमा कराओ फिर हम देखते है पहले तो आश्वासन देते रहे कि जच्चा बच्चा दोनों ठीक है लेकिन कुछ समय बाद ही कह दिया गया कि बच्चा तो मर गया है और जच्चा की भी हालत खराब है आप इसे कही ओर ले जाओ इतनी बात सुनते ही परिजनों के हाथ पैर फूल गए तो परिजन आनन फानन में मरीज को लेकर CHC फतेहपुर पहुँचे ओर भर्ती कराया वही परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर हमे बार बार नॉर्मल डिलीवरी का अश्वासन देते रहे और पैसे के लालच में हमे यही उलझाये रखा जिसके कारण बच्चे की मौत हुई है और जच्चा की हालत भी खराब है अगर समय रहते डॉक्टर हमे मना कर देते तो हम जच्चा का ऑपरेशन कराते तो हमारी जच्चा ओर बच्चा दोनों सुरक्षित रह सकते थे वो साफ साफ इन घटना को डॉक्टरो की लापरवाही मान रहे है वहीं जब इस बारे मे मिडिया क्रमियो ने डाक्टर से बात करनी चाही तो कह दिया गया डाक्टर साहब तो चले गये है *हैरत की बात है इतना बडा मामला हो गया एक बच्चे की जान चली गयी और जच्चा जिन्दगी और मौत से जुझ रही है और डाक्टर साहब ये सब जानते हुए भी ऐसी हालत मे छोडकर चले गये डाक्टर साहब का जरा भी दिल नही पसीजा जरा भी संवेदना डाक्टर ने नही दिखाई यू तो डाक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है लेकिन यंहा तो लगता शायद डाक्टर की इन्सानंयत भी मर चुकी है जो इस तरह से क्लीनिक छोड़कर साफ हो गये वहीं परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है जिसकी सूचना रात मे ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दे दी गयी थी अब देखना है विभाग इसमे क्या कार्यवाही करता क्योंकि ऐसा एक अस्पताल नही छुटमलपुर फतेहपुर मे जाल बिछा पडा है ऐसे अस्पतालों का आखिर विभाग इनपर मेहरबान क्यों है क्यों नही होती इनके खिलाफ कार्यवाही अब देखना है विभाग इनके खिलाफ क्या कार्यवाही करता है रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर