एक्शन में उद्धव सरकार:महाराष्ट्र में 86.4% मरीज ठीक हुए, तीसरी लहर से निपटने के लिए 1000 फैमिली डॉक्टरों को तैयार कर रही सरकार

एक्शन में उद्धव सरकार:महाराष्ट्र में 86.4% मरीज ठीक हुए, तीसरी लहर से निपटने के लिए 1000 फैमिली डॉक्टरों को तैयार कर रही सरकार

मुंबई

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 48,401 नए संक्रमित मिले, 60,226 मरीज ठीक हुए और 572 की मौत हो गई। अब कुल 6 लाख 15 हजार 783 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक 2.94 करोड़ सेम्पल्स की जांच की जा चुकी है। इनमें 44.07 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में ठीक होने की दर अब 86.4% है, जबकि मृत्यु दर 1.49% है।
सिर्फ मुंबई की बात करें तो बीते 24 घंटे में यहां 2,395 नए मामले सामने आए। 13,868 मरीज ठीक हुए और 68 की मौत हो गई। यहां अब तक 6.76 लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं जबकि 13,781 लोगों ने जान गंवाई है। अभी यहां 51,165 मरीजों का इलाज चल रहा है।

1 हजार फैमिली डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दे रही सरकार
संक्रमण की दूसरी लहर से सीख लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के 1,000 प्राइवेट प्रैक्टिशनर फैमिली डॉक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की है। उन्होंने डॉक्टर्स की चुनौतियों को समझा और उन्हें अगले खतरे के लिए तैयार रहने को कहा। CM ने यह बैठक कोरोना के लिए बने टास्क फोर्स के अनुरोध पर की थी।

मुंबई में लोगों को मास्क लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसके तहत दीवारों पर पेंटिंग बनाई जा रही हैं।

तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होने की संभावना
CM ने फैमिली डॉक्टरों के सुझावों को सुना। उनके कई सुझावों को अमल में लाने का भरोसा भी दिलाया। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य में बाल रोग विशेषज्ञों की टीम गठित की जा रही है। विशेषज्ञों को आशंका है कि यह लहर छोटे बच्चों को अपनी चपेट में ले सकती है। इसलिए उनके लिए अलग से अस्पताल, ICU बेड और नियोनेटल वेंटिलेटर रिजर्व किए जा रहे हैं।
टास्क फोर्स की ओर से फैमिली डॉक्टरों से कहा गया कि वे अपने पास इलाज के लिए आने वाले बच्चों के बारे में ज्यादा सतर्कता बरतें। बच्चों में होने वाले वायरल इंफेक्शन, सर्दी, बुखार, खांसी और डायरिया के अलावा दूध न पीने और खाना न खाने जैसे लक्षणों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
फैमिली डॉक्टर्स की चुनौती बढ़ सकती है
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कोरोना से लड़ाई में फैमिली डॉक्टरों की भूमिका शुरू से ही महत्वपूर्ण रही है, लेकिन अब चुनौती बढ़ सकती है। बिना लक्षणों वाले कुछ लोग घबराकर अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं, जिससे जरूरतमंद मरीजों को बेड नहीं मिल पाते।’
फैमिली डॉक्टरों का सुझाव
फैमिली डॉक्टरों ने भी सरकार को यह सुझाव दिया कि इसी तरह की वीडियो कॉन्फ्रेंस आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों के साथ भी की जानी चाहिए। उन्हें भी इस लड़ाई में शामिल किया जाना चाहिए।

मुंबई में एक रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की जांच करता BMC का स्वास्थ्यकर्मी।

टास्क फोर्स ने इन पॉइंट्स पर किया फैमिली डॉक्टर्स का मार्गदर्शन

स्टेरॉयड कब और कितनी मात्रा में देना चाहिए?

6 मिनट वॉक का क्या महत्व है?

मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत को कैसे जाना जाए?

फंगल इंफेक्शन से होने वाले म्यूकर मायकॉसिस रोग का इलाज कैसे किया जाए?

रेमडेसिविर इंजेक्शन कितनी मात्रा में दिया जाए?

वेंटिलेटर पर क्या सावधानी बरती जाए?

कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को कितने दिन तक निगरानी में रखा जाए?

Bureau Chief
साकिब हुसैन
INDIAN TV NEWS
मुंबई
www.indiantvnews.in

Leave a Comment