आनंद प्रजापति की मौत कोई दुर्घटना या फिर एक सोचा समझा मर्डर

*आनंद प्रजापति की मौत कोई दुर्घटना या फिर एक सोचा समझा मर्डर*

*आख़िर खंबे में करेंट कैसे आया मामला आरोन विद्युत विभाग का है*

जी हां सही सुना आपने हम आपको बता दें कि हाल ही में होई आरोन विद्युत मंडल कर्मचारी आनन्द प्रजापति बिजली के खंबे पर चढ़ा और करंट लगने से उसकी मौत हो गई थी
*आरोन से लेकर गुना विद्युत विभाग के अधिकारी भी मीडिया को नहीं दे रहे है कोई भी ज़बाब* अब आलम यह है कि आरोन से लेकर पुष्पराज सिंह सहायक प्रबंधक , आशीष सक्सेना, प्रेमराज पाराशर , राजेंद्र सिंह सभी वरिष्ठ अधिकारी मीडिया के सवालों से अपने आप को किनारा कर रहे हैं वहीं आनंद प्रजापति के परिवार जनों का आरोप है कि आरोन विद्युत मंडल और उनके कर्मचारियों ने ही आनंद प्रजापति की जान ली है परिवार जनों ने आरोन थाने में विद्युत मंडल के खिलाफ एफआईआर करने की बात कही है और दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग जिला प्रशासन और विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से उठा रहे हैं
*आरोन एसडीएम ने भी शादी चुप्पी* वहीं आरोन एसडीएम विकास कुमार आनन्द ने भी इस मामले में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी सवाल तो लोकल प्रशासन पर भी उठ रहे हैं कि आखिर जब आनंद प्रजापति 45 मिनट से अधिक खंबे पर लटका रहा तो लोकल प्रशासन क्या कर रहा था आरोन तहसील में इतनी वाली बड़ी घटना घटित हो जाती है और एसडीएम और लोकल प्रशासन को खबर भी नहीं लगती है यह सबसे बड़ा सवाल है..?
*विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी विभागीय जांच का बहाना देकर कर रहे हैं अपने आप को किनारा*
वहीं जब दबंग भोपाल ने एस ई प्रेमराज पाराशर और डी ई राजेंद्र सिंह से फोन कॉल के माध्यम से जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने प्रोटोकॉल और जांच का बहाना देकर अपने आप को किनारा कर लिया विद्युत विभाग का मीडिया को जवाब ना देना कहीं ना कहीं अपने आप को गुनहगार साबित करता है
*दबंग भोपाल करेगा आनंद प्रजापति मौत का पर्दाफाश*
आप दबंग भोपाल ज़मीनी स्तर से लेकर पर्दे के अंदर छुपी हुई सारी सच्चाई को उजागर करेगा वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आनंद प्रजापति ने बतौर रिश्वत ₹70000 हज़ार विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिए थे उसके बाद भी विद्युत विभाग आनंद प्रजापति को अपना कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है
अब देखना हवा की खबर प्रकाशित होने के बाद क्या आनंद प्रजापति को कोई न्याय मिलेगा अथवा नहीं है तो देखने का विषय है

जिला गुना से गोलू सेन की रिपोर्ट

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