पार्षदों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकद्दमे दर्ज होने के पश्चात लोक निर्माण विभाग मंत्री और स्थानीय नेताओं में तलवारे खींची, मामला मुख्यमंत्री के दरबार मे पंहुचा, अधिकारियों का आरोप कार्यालय में मुख्यमंत्री की फोटो के नीचे खड़े होकर पार्षदों ने संवैधानिक मर्यादाएं तार तार की, मामले में सुलह सफाई के प्रयास जारी।
*चप्पल कांड की गूंज लखनऊ पहुंची*
सहारनपुर: 3 पार्षदों व 30 अज्ञात लोगों के विरुद्ध हुए मुकद्दमे में अब सांप छछून्दर वाली स्तिथि हो चली है। कल एक शोक सभा के दौरान पार्षदों ने लोक निर्माण मंत्री कुंवर ब्रजेश सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की, सूत्रों के अनुसार लोक निर्माण मंत्री ने नामजद पार्षद अमित त्यागी की जमकर क्लास लगाते हुए घटना पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि सबने मर्यादा के विरुद्ध कार्य किया है अब वह कुछ नही कर सकते इस पर पार्षद बिखर गए और उन्होंने मंत्री कुंवर ब्रजेश सिंह को ही कटघरे में खड़ा करते हुए विरोध करना शुरू कर दिया। ततपश्चात मामले की गम्भीरता को देखते हुए एक बैठक महापौर के निवास पर हुई जिसमें नगर विधायक राजीव गुम्बर ने पार्षदों के किर्याकलाप की भर्त्सना की तथा कहा कि वह पार्टी हित में उच्च अधिकारियों से वार्ता कर इस प्रकरण का पटाक्षेप कराने के प्रयास करेंगे, लेकिन वही कर्मचारी संघ भी अब पार्षदों की गिरफ्तारी को लेकर तल्ख हो गया बताया जा रहा है वही लखनऊ स्तर तक इस चप्पल कांड की गूंज से लोक निर्माण विभाग की स्थानीय से लेकर लखनऊ तक गूंज मची है, हालात यदि बिगड़े तो नाराज मुख्यमंत्री के क्रोध का सामना पार्षदों को करना पड़ेगा, वही लखनऊ सूत्रों की माने तो लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी अब पार्षदों की गिरफ्तारी से कम कोई बात नही करना चाहते अब देखते है कि राजनीतिक तलवारे जो म्यान से बाहर आ चुकी है वह चलेंगी अथवा वापिस म्यान में जाएंगी फिलहाल जोर आज़माइश दोनों ओर से है, पार्षदों की भी सांस अब इस प्रकरण को लेकर फूलने लगी है। वही लोक निर्माण विभाग का मुखिया होने के नाते कुंवर ब्रजेश सिंह को भी अपने विभाग के अधिकारियों को संरक्षण देने की बात सामने आ रही है, ऐसे में भाजपा बनाम भाजपा की लड़ाई में क्या होगा? यह भविष्य के गर्त में छुपा है।
रिपोर्टर रमेश सैनी सहारनपुर