शिव मंदिर समिति सेलाकुई की अच्छी पहल, गणपति महाराज की मूर्ति नहीं की जाएगी यमुना में विसर्जित
लगातार 12 वर्षों से गणपति महाराज की मूर्ति की स्थापना गणपति गणेश चतुर्थी को की जाती थी व प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा अर्चना के बाद नगर परिक्रमा कर मूर्ति को यमुना जी में विसर्जित किया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
शिव मंदिर समिति सेलाकुई के अध्यक्ष शुरवीर सिंह चौहान ने बताया कि गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर भगवान गणपति की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित की गई जिसकी सुबह शाम पूजा अर्चना की जाती है 17 सितंबर को नगर परिक्रमा के बाद दोबारा से मंदिर में ही स्थापित कर दी जाएगी जिसका उद्देश्य है कि पर्यावरण को स्वच्छ सुरक्षित रखना दूसरा भक्तों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे
शिव मंदिर सेलाकुई के मुख्य पुजारी पंडित पंकज पुरोहित जी ने बताया कि गणपति महाराज की मूर्ति विसर्जन करना ठीक नहीं है क्योंकि या तो उन्हें अच्छे प्रकार से विसर्जित किया जाए विसर्जन के बाद ऐसी वीडियो और ऐसी फोटो आती है जिससे बहुत गिलानी होती है और भक्तों के मन को बड़ी ठेस पहुंचती है जब गणपति भगवान की मूर्ति कबाड़े में गंदे नाले में पड़ी होती है समिति ने अच्छी पहल की है गणपति महाराज की मूर्ति की पूजा अर्चना नगर परिक्रमा के बाद दोबारा से मंदिर में स्थापित कर दी जाएगी और प्रत्येक वर्ष ऐसा ही होगा और इस पहल को सभी मंदिर समितियों और सभी श्रद्धालुओं को भी अपनाना चाहिए.