जयपुर। नवरात्रि का पर्व, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलने वाला पर्व है, जिसमें शक्ति के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों में हर दिन एक विशेष देवी की आराधना की जाती है, और प्रत्येक दिन का एक विशेष रंग भी निर्धारित होता है, जिसका गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। नवरात्रि का समापन दशहरा के साथ होता है, जो भगवान राम की रावण पर विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
नौ देवियों के नाम और पूजा के दिन
1. शैलपुत्री: नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है। यह देवी पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं और इन्हें देवी पार्वती का प्रथम रूप माना जाता है।
2. ब्रह्मचारिणी: दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है, जो तपस्या और धैर्य की प्रतीक हैं।
3. चंद्रघंटा: तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो साहस और वीरता की देवी मानी जाती हैं।
4. कूष्मांडा: चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो संसार की उत्पत्ति करने वाली शक्ति मानी जाती हैं।
5. स्कंदमाता: पाँचवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा होती है, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं और बच्चों की रक्षा करती हैं।
6. कात्यायनी: छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो राक्षसों का नाश करने वाली शक्ति हैं।
7. कालरात्रि: सातवें दिन माँ कालरात्रि की आराधना होती है, जो सभी बुराइयों और नकारात्मकता को दूर करने वाली शक्ति हैं।
8. महागौरी: आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है, जो शांति, करुणा और पवित्रता की प्रतीक हैं।
9. सिद्धिदात्री: नौवें और अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो सभी सिद्धियों और सफलताओं की दात्री मानी जाती हैं।
नवरात्रि के रंगों का महत्व
हर दिन के साथ एक विशेष रंग जुड़ा होता है, जो देवी के स्वरूप और उनके गुणों का प्रतीक होता है। भक्त इस दिन उसी रंग के वस्त्र पहनते हैं और देवी की पूजा करते हैं। इन रंगों का महत्व सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति के रूप में देखा जाता है।
माँ वैष्णो देवी मन्दिर का महत्व
नवरात्रि के दौरान, माँ वैष्णो देवी की विशेष पूजा की जाती है, और वैष्णो देवी के भक्त इस पर्व को बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं। दिल्ली में स्थित छिपीवाड़ा बड़ी पुलिया माडन्ट रोड पर स्थित शक्ति पीठ में माँ वैष्णो देवी की मूर्ति स्थापित है, जो कटरा से लाई गई है। यहाँ भक्त नारियल और धागा बांधकर अपनी मनोकामनाएँ माँ से पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं। माँ वैष्णो देवी के इस मंदिर की महत्ता ऐसी है कि यहाँ भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है, और नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष रूप से भीड़ देखने को मिलती है।