
नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता
गिद्दी। झारखंडी संस्कृति अस्मिता की पहचान है झूमर। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लोग पारंपरिक तरीके से मानते हैं। झारखंड में झूमर के खास विशेषता है जो पूर्वजों के विरासत को बचाने का संदेश देता है। उक्त बातें मांडू विधानसभा क्षेत्र के पूर्व मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल ने डाडी प्रखंड क्षेत्र के रबोध पंचायत अंतर्गत रोयांग फुटबॉल मैदान में आयोजित रिझरंग झूमर प्रतियोगिता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाके में प्रतिभा कलाकारों की कमी नहीं है। जरूरत है उन्हें अपनी प्रतिभा को निखर कर लोककला संस्कृति मंच में स्थापित करने की। ताकि सांस्कृति के क्षेत्र में ग्रामीण इलाके के लोग अपनी एक पहचान बना सके। आयोजित रिझरंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जदयू मांडू विस क्षेत्र के प्रभारी दुष्यंत पटेल ने कहा कि झूमर अपनी सांस्कृतिक सभ्यता अस्मिता वह वेशभूषा की पहचान है। जिसे लोग पूर्वजों के विरासत को बचाने के लिए संकल्प लेते हैं। उन्होंने आपसी भाईचारी पूर्वक झूमर का आनंद उठाने की बात कही। रिझरंग झूमर प्रतियोगिता को राज किशोर महतो, सर्वेश सिंह, दशरथ महतो, देवकी महतो, कपिलदेव महतो, कुंमेश्वर महतो , पंसस गणेश महतो, लक्ष्मी देवी, प्रमोद महतो आदि लोगों ने संबोधित किया। जबकि आयोजित झूमर प्रतियोगिता में छ: टीमों ने भाग लिए। जिसमें उत्कृष्ट कलाकारों को परितोषित देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता को सफल बनाने में अध्यक्ष गुलचंद महतो, सचिव भुवनेश्वर महतो, कोषाध्यक्ष मनजीत महतो, बिहारी महतो, कांग्रेस नेता लालधन महतो, मंगलदेव महतो, मिठू महतो, मोहनलाल महतो, सुखदेव महतो, ठाकुरदास महतो, बालेश्वर महतो, प्रेमनाथ महतो, राजू महतो, उमेश महतो, दिलीप महतो, विनोद महतो, बृजनंदन महतो, रामू पहान, केदारनाथ, लक्ष्मण मांझी, अर्जुन महतो, जयनाथ महतो, रतन महतो, देवानंद महतो, सुनील महतो, पवन कुमार, रंजीत महतो, धनेश्वर महतो आदि लोग मौजूद थे।