नगर निगम के लैंड बैंक से जुड़ेगी डोमरी रेता की 357 बीघे जमीन, नगर आयुक्त को मिले ये निर्देश
Indian tv news /ब्यूरो चीफ. करन भास्कर चन्दौली उत्तर प्रदेश
चन्दौली मेयर और नगर आयुक्त ने डोमरी क्षेत्र का निरीक्षण का यहां की विकास योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही सफाई व्यवस्था को लेकर भी कर्मचारियों को कई दिशा-निर्देश दिए।मेयर अशोक कुमार तिवारी और नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने डोमरी का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां की रेता के नाम से दर्ज जमीन पर नगर निगम का बोर्ड लगाने को कहा। इसी भूमि पर एक भूमाफिया की ओर से मिट्टी खनन का कार्य अवैध रूप से किया जा रहा थामेयर ने जिला प्रशासन को संज्ञान में लाते हुए भूमि कटान रोकने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डोमरी में 89.3450 हेक्टेयर यानी 357 बीघे जमीन पाई गई। जो रेता के नाम से दर्ज है। मेयर ने नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि इस भूमि का शीघ्र परीक्षण कराकर बैरेकेडिंग कराते हुए नगर निगम का बोर्ड लगाएं। नगर आयुक्त ने कहा, इस संबंध में जिला प्रशासन से शीघ्र समन्वय स्थापित करते हुए एक कमेटी का गठन कर एक सप्ताह में कब्जा लेने की कार्यवाही शुरू कराई जाएगी।उन्होंने राजस्व विभाग के सहायक नगर आयुक्त मनोज कुमार तिवारी को जमीन से जुड़ी सभी कार्यवाही के निर्देश दिए। नगर निगम की ओर से अभियान चलाकर सरकारी जमीनों से कब्जा हटवाया जा रहा है। 1651 स्थानों पर 800 बीघा जमीन चिह्नित की गई है। इन जमीनों का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं में किया जाएगा।सफाई के लिए लगाई गईं 54 अतिरिक्त कूड़ा गाड़ियां
नगर निगम ने दशहरा पर विशेष साफ-सफाई की योजना बनाई है। इसके लिए कुल 54 अतिरिक्त कूड़ा गाड़ियां लगाई गई हैं। शनिवार को शहर की सफाई के लिए बने 18 सब जोन में तीन-तीन अतिरिक्त गाड़ियां रखी गई हैं। रावण दहन के बाद राख हटाने का काम सफाई कर्मचारी करेंगे। शहर के 100 वॉर्डों की नियमित सफाई अपने समय से होगी। इसके अतिरिक्त चूने का छिड़काव और एंटीलार्वा का छिड़काव कराया जाएगा। दो मदों का बजट घटाकर बचाए डेढ़ करोड़ रुपये
नगर निगम की कार्यकारिणी ने पुनरीक्षित बजट में कुल 21 बिंदुओं पर विचार रखे। मेयर अशोक कुमार तिवारी ने इनमें से दो बिंदुओं के बजट को 1.5 करोड़ रुपये घटा दिया। एक वाहनों की मरम्मत के मद को 1.5 करोड़ से 50 लाख घटाकर 1 करोड़ किया गया। इसी प्रकार दूसरे गंगा नदी सफाई के लिए फ्लोटिंग थ्रेस स्किमर खरीदने एवं संचालन के मद को 3.57 करोड़ से 1 करोड़ घटाकर 2.57 करोड़ किया गया।
वाहनों की मरम्मत के लिए खुद की कार्यशाला पर विचार किया जा रहा है। इस नाते बाहर मरम्मत का पैसा देने के बजाय निगम की कार्यशाला में गाड़ियों की मरम्मत होगी तो इससे खर्च में कटौती होगी। इसी प्रकार गंगा नदी की सफाई के लिए खरीदने वाले मशीन के संचालन पर होने वाले खर्च को कम किया गया है। दरअसल, ज्यादातर घाटों पर नगर निगम के सफाई कर्मचारी तैनात हैं। ऐसे में केवल नदी से सफाई करने के लिए मशीन रखने को कहा।