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चंचल ने आयोग द्वारा किए जा रहे बाल अधिकार संरक्षण संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रतीकात्मक रूप से संबोधित किया

उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य की कुर्सी पर बैठकर चंचल ने आयोग द्वारा किए जा रहे बाल अधिकार संरक्षण संबंधी विभिन्न कार्यों को प्रतीकात्मक रूप से संबोधित किया। चंचल ने कहा, “मुझे इस पद पर काम करके बहुत ख़ुशी हो रही है, मैं गौरवान्वित महसूस करती हूं और आयोग में सदस्य की भूमिका निभाते हुए मुझमें जिम्मेदारी का भाव विकसित हुआ है।

आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने चंचल को आयोग के कार्यों और सदस्य की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी दी। उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य के रूप में चंचल ने एक केस को सुना और उसपर आदेश जारी किया। चंचल ने शिक्षा के अधिकार की पुरजोर वकालत की, उसने कहा कि शिक्षा को सुनिश्चित करके बाल श्रम , बाल विवाह और बच्चों के खिलाफ हिंसा में कमी लायी जा सकती है। उसने कहा कि शिक्षा सामाजिक समरसता को बढाने में भी अमूल्य योगदान करती हैं।इस अवसर पर आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने संस्था मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के प्रयासों की सराहना की। चंचल को लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में प्रतिकात्मक सदस्य बनाने के लिए संस्था को जनपद चंदौली के जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार का विशेष प्रेरणा और सहयोग रहा।

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