Indian tv news /ब्यूरो चीफ. करन भास्कर चन्दौली उत्तर प्रदेश
चन्दौली। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, जिसे पूर्वांचल का एम्स भी कहा जाता है, में पिछले चार दिनों से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी। इस हड़ताल के कारण दूर-दूर से आने वाले मरीज और उनके परिजन काफी परेशान थे, और इलाज न होने के कारण कई लोग निजी अस्पतालों या घरों की ओर रुख कर रहे थे। लेकिन अब सर सुंदरलाल अस्पताल में अपने मरीजों को दिखाने वाले परिजनों के लिए राहत भरी खबर आई है। रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आए हैं, जिससे अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।हड़ताल का कारण कोलकाता के आरजी कर कांड से जुड़ा था, जिसके बाद बीएचयू में डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था। हालांकि, अब सभी डॉक्टर काम पर वापस लौट आए हैं। आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार के साथ हुई बैठक में सहमति बनने पर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। प्रो. संखवार ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) तैयार कर दी गई है। अगर रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो जांच के बाद छह घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सुरक्षा को लेकर आश्वासन मिलने पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम पर लौटने का फैसला किया।
बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टर चार दिनों से हड़ताल पर थे, जिसके चलते कुछ मरीज निराश होकर लौट गए थे। सीनियर डॉक्टर दिन में केवल 100 मरीजों को देख पा रहे थे, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 7000 तक पहुंच जाती थी। रेजिडेंट डॉक्टरों के काम पर लौटने के बाद अब ओपीडी में मरीजों के पर्चे जमा होने लगे हैं, जिससे परिजनों में खुशी का माहौल है।
हाल ही में 78 दिनों में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का आंकड़ा 17 दिन तक पहुंच गया है। इस दौरान नर्सिंग ऑफिसर भी हड़ताल पर रहे हैं, जिससे यह समस्या और बढ़ गई है। चकिया के रमेश, जो अपने बच्चे की आंख का इलाज कराने के लिए दो दिनों से अस्पताल आए थे, अब हड़ताल खत्म होने पर अपने बच्चे का पर्चा जमा करके डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं।
हड़ताल का कारण कोलकाता के आरजी कर कांड से जुड़ा था, जिसके बाद बीएचयू में डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था। हालांकि, अब सभी डॉक्टर काम पर वापस लौट आए हैं। आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार के साथ हुई बैठक में सहमति बनने पर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया। प्रो. संखवार ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बैठक में उनकी मांगों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल (एसओपी) तैयार कर दी गई है। अगर रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो जांच के बाद छह घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। सुरक्षा को लेकर आश्वासन मिलने पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम पर लौटने का फैसला किया।