
सोनभद्र समाचार ब्यूरो चीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर यूनियन द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री नामित 7 सूत्री पत्र देखकर बुलंद किया आवाज।
मिड डे मील वर्कर यूनियन कर्मचारी ने बताया कि
हम रसोइया कर्मी बहुत अल्प मानदेय और बेहद कठिन परिस्थितियों में अपने कार्य को वर्षों से कुशलता पूर्वक संपादित करती आ रही हैं। मिलने वाली मानदेय की राशि भी आज तक कभी भी नियमित रूप से नही मिली। वर्तमान समय में भी 4 माह का मानदेय बकाया है।
न तो कोई स्वास्थ्य सुविधा है और न ही जीवन बीमा। नवीनीकरण के नाम पर मनमाने ढंग से निष्कासन आम बात हो गई है। धुंआ मुक्त प्रदेश में हम जुगाड की लकड़ी में खाना पकाने के लिए बाध्य हैं। गैस सिलेंडर नुमाइस की सामान भर हैं।
खाना बनाने के साथ सफाई कर्मचारी से से लेकर चपरासी तक के सारे काम करने पड़ते हैं। कोई आकश्मिक और बीमारी का कोई अवकास नहीं मिलता।
अतः आपसे अनुरोध है कि हमारी निम्न मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर उन्हें पूरा करते हुए हम रसोईया कर्मियों को भी सामान्य जीवन जीने का हक प्रदान करने की कृपा की जायेगी। 45 वे भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप रसोईया कर्मियों के स्थाई करण न्यूनतम वेतन, ईएसआई व ईपीएफ की सुविधा, सेवा निवृत्ति पर ग्रेड्यूटी और पेशन की सुविधा की गारंटी की जाय। विगत 7 माह का बकाया तत्काल भुगतान किया जाय। पूरे 12 माह का मानदेय अनुमन्य किया जाय। सभी विद्यालयों को एक सर्कुलर जारी किए जाने वाले दुव्र्यवहार पर रोक लगाई जाए। और उत्पीडन की घटनाओं और यौन दुव्र्व्यहार के विरुद्ध त्वरित न्याय के लिए जैहर रोल गठित की जाय। विद्यालयों में खाना बनाने के कार्य के अलावा कराई जा रही बेगार पर रोक लगाने के लिए आदेशित किया जाय। विद्यालयों के बन्द किए जाने की दशा में रसोईया कर्मियों को भी अन्य विद्यालयों में समायोजित किया जाय। विद्यालयों से अकारण इस सत्र में दुर्भावना वश सेवा से निकाली गई सभी रसोईया कर्मियों को सेवा में पुनर्योजित किया जाय। इस दौरान सुनीता विश्वकर्मा, फूलमती, गीता, अमरावती, जगमुनी, फूलवंती, कमलावती, रंगीता, कमलावती, विमला देवी, संकुंतला, कान्ती देवी, बेदवन्ती, दुर्गावती, नीलामी, गीता आदि लोग मौजूद रहे।