
अयोध्या।
रामनगरी में शुरू हुई पंचकोसी परिक्रमा,1:54 के शुभ मुहूर्त पर श्रद्धालुओं ने बढ़ाया आस्था के पथ पर कदम, रामनगरी के पंचकोस की करेंगे परिक्रमा, 15 किलोमीटर लंबी यात्रा कर श्रद्धालु रामलला का लेंगे आशीर्वाद, अयोध्या में शुरू होगा दर्शन पूजन का दौर, 14 कोस की परिक्रमा में 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कराया है आमद दर्ज, पंचकोस की परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की है उम्मीद, कार्तिक माह के देव उठानी एकादशी को होती है पांच कोस की परिक्रमा, राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद रामनगरी में उमड़ा है आस्था का सैलाब।
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अयोध्या।
भारतवर्ष के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जयंती पर कांग्रेस जनों ने कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।
इस अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया इसकी अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल तथा संचालन जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महानगर अध्यक्ष वेद सिंह कमल ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही देश के पहले IIT, IISC, और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना हुई।वे महात्मा गांधी के सिद्धांतों का समर्थन करते थे। 20वीं सदी के पूर्वार्ध में ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं में से एक थे।वे 1923 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे और 35 साल की उम्र में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।
पूर्व जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा अबुल कलाम आज़ाद एक उत्कृष्ट वक्ता, पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् थे। अबुल कलाम आज़ाद ने वर्ष 1912 में उर्दू में अल-हिलाल नामक एक साप्ताहिक पत्रिका जारी की, अंग्रेज़ी सरकार ने 1914 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद उन्होंने ‘अल-बलाग़’ नाम से दूसरा अख़बार जारी किया।
जिला प्रवक्ता सुनील कृष्ण गौतम ने कहा भारत रत्न से सम्मानित मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया और साथ ही उनके कार्यकाल में विभिन्न साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी का गठन हुआ। इसके साथ ही उनके ही कार्यकाल में सांस्कृतिक संबंध परिषद भी स्थापित हुआ।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से अशोक कनौजिया, प्रवीण श्रीवास्तव, मोहम्मद आरिफ, रामेंद्र मोहन त्रिपाठी, बसंत मिश्रा, पंकज सिंह, उमेश उपाध्याय, सुरेंद्र प्रताप सिंह सैनिक आदि उपस्थित रहे।
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डाक विभाग द्वारा “लिखने की खुशी : डिजिटल युग मे पत्रों का महत्व” शीर्षक पर ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
अयोध्या।
डाक विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर की ढाई आखर प्रतियोगिता के अंतर्गत “लिखने की खुशी : डिजिटल युग मे पत्रों का महत्व” शीर्षक पर पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है । मण्डल के प्रवर अधीक्षक डाकघर हरे कृष्ण यादव ने बताया कि ढाई आखर प्रतियोगिता के अंतर्गत “डिजिटल इंडिया फार न्यू इंडिया” शीर्षक पर पत्र लेखन प्रतियोगिता दिनांक 14.09.2024 से 14.12.2024 तक आयोजित की जा रही है | इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को दो वर्ग में विभाजित किया गया है | जूनियर ग्रुप में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे तथा सीनियर ग्रुप में में 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे प्रतिभाग कर सकते है | प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी अंतर्देशीय पत्र पर 500 शब्द अथवा A-4 पेपर पर 1000 शब्द लिखकर लिफाफा के अन्दर रखकर लेटरबाक्स के माध्यम से प्रवर अधीक्षक डाकघर, अयोध्या मण्डल, अयोध्या- 224001 के पते पर 14 दिसम्बर 2024 तक प्रेषित कर सकते है । दिनांक 14 दिसम्बर 2024 के बाद पोस्ट किए गए पत्रों को स्वीकार नही किया जाएगा | पत्र लेखन प्रतियोगिता में मात्र हस्त लिखित पत्र ही स्वीकार किया जाएगा | पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी को यह घोषणा करना होगा कि उसकी उम्र दिनांक 01.01.2024 को 18 वर्ष से कम/अधिक है |
अयोध्या मण्डल कार्यालय में सोमवार को मातहत के साथ बैठक के दौरान अयोध्या मण्डल के प्रवर अधीक्षक डाकघर हरे कृष्ण यादव ने बताया कि ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता के अंतर्गत “लिखने की खुशी : डिजिटल युग मे पत्रों का महत्व” शीर्षक पर पत्र लिखा जाना है | प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी से यह जानना है कि “लिखने की खुशी : डिजिटल युग मे पत्रों का महत्व” क्या होगी | साथ ही साथ उनके अन्दर “लिखने की खुशी : डिजिटल युग मे पत्रों का महत्व” का निर्माण करते हुए सोशल मीडिया से दूर हटकर पत्र लेखन के प्रति अभिरुचि को बढावा देना है । उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के क्रान्ति युग में आज की युवा पीढ़ी में पत्र लेखन के प्रति रुचि कम होती जा रही है एवं केवल प्रतियोगी परीक्षा के लिए छात्र पत्र लेखन का अभ्यास करते है जबकि पूर्व में एक-एक शब्द पर गहनता से विचार करके हृदय के उद्गारों को पत्र पर लिखा करते थे जो पाठक के हृदय को भाव विभोर कर दिया करता था। पत्र लेखन के लिए शब्दो का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है जबकि आज कल बहुत ही संक्षेप में लोग अपनी बात करते व लिखते हैं | साथ ही श्री यादव ने यह भी बताया कि इस ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता में मूल्यांकन के आधार पर दोनों ग्रुपों में तीन तीन प्रतिभागियों को चयनित किया जाएगा जिन्हें राष्ट्रीय एवं परिमण्डल स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागी को क्रमशः 50000/-, 25000/- एवं 10000/- तथा परिमण्डल स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागी को क्रमशः 25000/-, 10000/- एवं 5000/- रुपये का नगद पुरुस्कार दिया जायेगा।*अयोध्या में पंच कोसी परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब*
*- जय श्री राम के नारे से गूंजी प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या*
*- सीएम योगी के निर्देश पर अयोध्या के प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मेला क्षेत्र में रही मुस्तैद*
*- 14 कोसी में बड़ी संख्या में बाहरी श्रद्धालुओं ने की थी परिक्रमा*
*- नगर निगम का दावा, पेयजल और स्वच्छ प्रसाधन की मिलेगी व्यवस्था*
*- सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संख्या में उतारी गई फोर्स*
*अयोध्या, 11 नवम्बर।* देवउठनी एकादशी लगते ही अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा का आगाज हो गया है। मुहूर्त के अनुसार सोमवार को दिन में 1 बजकर 54 मिनट से पंच कोसी परिक्रमा प्रारंभ हुई। पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने मार्ग को चूमकर श्रीराम का जयघोष कर परिक्रमा की शुरुआत की। दिन ढलने के साथ ही आस्था का ज्वार बढ़ गया। शाम छह बजे के बाद शहरी श्रद्धालुओं की आस्था हिलोरे मारने लगी। इसके बाद बड़ी संख्या में घरों में चूल्हा चौका संभालने वाली महिलाएं भी राम का नाम लेते हुए परिक्रमा करने पहुंच गईं। ऑफिस के कर्मचारी रहे हो या फिर शहर के कारोबारी। सभी रात 10 बजे के बाद पंचकोसी परिक्रमा करते दिखाई पड़े। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। महिला व पुरुष कर्मियों के अलावा सादी वर्दी में भी पुलिस कर्मचारी मेले पर निगाह रखे हुए थे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में पहली बार 14 कोसी परिक्रमा हुई तो सभी पुराने रिकार्ड टूट गए। परिक्रमा की 22 घन्टे की अवधि के 15 घंटे 14 कोसी मार्ग पर तिल रखने तक कि जगह नहीं थी। अयोध्या हनुमान गढ़ी में 24 घंटे में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किया था। अब पंचकोसी परिक्रमा शुरू हो गई है। 12 नवंबर को 11 बजकर 38 मिनट तक मुहूर्त का समापन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी लगातार स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं।
*यहां लगा है अस्थाई स्वास्थ्य शिविर*
पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, ब्रह्मकुंड और झुनकी घाट पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई है।
*14 स्थानों पर तैनात है एम्बुलेंस*
पंचकोसी परिक्रमा के दौरान 14 स्थानों पर एंबुलेंस तैनात रहीं। इनमें पक्का घाट, पुराना सरयू पुल, कंट्रोल रूम, नया घाट पुलिस चौकी, हनुमान गुफा, साकेत पेट्रोल पंप, हलकारा का पुरवा, चूड़ामणि चौराहा, उदया चौराहा, चकरतीर्थ, झुनकी घाट, बूथ नंबर चार, कनक भवन, श्रृंगार हाट बैरियर, श्रीराम जन्मभूिम के साथ हनुमानगढ़ी पर एंबुलेंस तैयार हालत में खड़ी रहेंगी।
*इन जगहों पर क्या-क्या हैं नागरिक सुविधाएं*
सम्पूर्ण परिक्रमा पथ पर पांच स्थानों उदया चौराहा, बह्रमकुण्ड, हनुमानगुफा, परमा एकेडमी, मोहबरा बाजार पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विश्राम स्थल व कैम्प की व्यवस्था की गयी है। समस्त विश्राम स्थल पर श्रद्धालुओं के मोबाइल टाॅयलेट, पेयजल और अल्पाहार की व्यवस्था की गयी है। स्थायी शौचालयों के अतिरिक्त मोबाइल टाॅयलेट लगाए गए हैं।शुद्ध पेयजल के लिए सम्पूर्ण परिक्रमा पथ पर टैंकर की व्यवस्था की गयी है। परिक्रमा मार्ग पर आयोजित भण्डारा स्थलों पर सफाई मित्रों की ड्यूटी लगायी गई है। परिक्रमा पथ पर सफाई व्यवस्था के लिए सेक्टरवार सफाई मित्र लगाए गए हैं। संपूर्ण परिक्रमा पथ पर पर्याप्त संख्या में पथ प्रकाश के लिए प्रकाश बिन्दु स्थापित किए गये हैं। संपूर्ण परिक्रमा पथ पर व्यवस्थाओं के सम्यक पर्यवेक्षण के लिए वरिष्ठ पर्यावक्षणीय अधिकारी/जोनल अधिकारी व सेक्टर प्रभारी की ड्यूटी लगायी गयी है।
*क्या है पंचकोसी परिक्रमा का महत्व*
देवउठनी एकादशी तिथि के दिन से अयोध्या में पांच कोस की परिक्रमा शुरू होती है। पंच कोसी की परिक्रमा अयोध्या धाम के क्षेत्र में होती है, जो लगभग 10 से 15 किलोमीटर की होती है। पंचकोसी की परिक्रमा करने से कहा जाता है कि समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है।
*ड्रोन से भी की जा रही है निगरानी*
14 कोसी परिक्रमा को सकुशल सम्पन्न कराने के बाद प्रशासन के सामने पंचकोसी परिक्रमा कराने की जिम्मेदारी है। एसएसपी राजकरण नैय्यर ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से परिक्रमा पथ पर आने वाली गलियों पर बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस कर्मियों के अलावा एटीएस भी निगरानी कर रही है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी लगाए गए हैं।परिक्रमा मार्ग को 4 जोन में 5 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
बलरामपुर से पहुंची माला देवी ने बताया कि 14 कोसी परिक्रमा को भी किया और पंच कोसी परिक्रमा भी कर रही है। उन्होंने बताया कि अबकी बार रामलीला अपने भाव और दिव्या मंदिर में विराजमान हुए हैं। उसको लेकर हम लोग बहुत खुश हैं, सुरक्षा व्यवस्था हो, चाहे स्वास्थ्य व्यवस्था, परिक्रमा मार्ग पर चलने के लिए जो सुगम व्यवस्था किए गए है। इस के लिए हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं साधुवाद देते है। उन्होंने बताया कि पहले की अयोध्या में अब की अयोध्या में काफी डेवलपमेंट देखने को मिला है। उन्होंने कहा की यही कारण है कि जो आज प्रभु श्री राम के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को लोग पसंद करते हैं।