संस्कृति की संकल्पना को साकार करने के लिए ईश्वरीय ज्ञान जरूरी:बी•के• सुमन

संस्कृति की संकल्पना को साकार करने के लिए ईश्वरीय ज्ञान जरूरी:बी•के• सुमन

 

सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय

सोनभद्र।

मानव और मानवता में अध्यात्म द्वारा संतुलन स्थापित करके आदि सनातन संस्कृति की संकल्पना को साकार करने के लिए ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग संस्कार परिवर्तन की सीढ़ी है।संस्कार से ही नए संसार का नवनिर्माण होता है। ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र वास्तव में संस्कार केंद्र है। यहां प्रतिदिन ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। उक्त बातें ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र प्रभारी बी•के• सुमन बहन ने कहा। दीप प्रज्वालित करते हुऎ डॉ ओमप्रकाश, राजेश कुमार उपजिलाधिकारी, डॉ अनुपमा, राहुल जिला प्रचारक आर•एस•एस •, सोनभद्र, रविंद्र केशरी , विजय कनौडिया, अजित जायसवाल,सेवाकेंद्र इंचार्ज सुमन दीदी ,डॉ हरिन्द्र भाई , अवधेशधर दुबे।इस अवसर पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए डॉ• ओमप्रकाश त्रिपाठी,राष्ट्रपति प्राप्त शिक्षक, ने कहा कि अध्यात्म से अपनी आत्म-ज्योति से प्रकाशित करने का ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र रॉबर्ट्सगंज के लिए एक ईश्वरीय उपहार है । मानवीय मूल्य हमारे जीवन की रक्षा करते हैं। उन्होंने ब्रह्मकुमारीज के मुख्यालय भ्रमण का अनुभव सुनाते हुए कहा कि वहां की स्थापित व्यवस्था हमारी आदि सनातन परंपरा का आधुनिक युग में आदर्श उदाहरण है ।

डॉ अनुपमा सिंह,प्रख्यात महिला चिकित्सक रॉबर्ट्सगंज ने अपने संबोधन में कहा कि आध्यात्मिक शक्ति से आत्मबल का विकास होता है जिससे जीवन में मनोवांछित सफलता प्राप्त होती है।आध्यात्मिक ज्ञान से श्रेष्ठ कर्म करना सहज है।बी•के•सीता बहन ने सभी अतिथियों का मूल्ययुक्त शब्दो द्वारा स्वागत किया।कु• रिद्धि ने-झरनों से संगीत है बजता पत्थर के टकराने से गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।

राहुल ,जिला प्रचारक आर•एस•एस• सोनभद्र ने अपने संबोधन में कहां की हम सभी को अपने लक्ष्य को और अधिक सक्रियता पूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है । यह हमारे लिए चुनौती भी है और लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरणा भी है। बच्चों ने धर्मराज का दरबार नृत्यनाटिका प्रस्तुत करके कर्मों के जागरूक रहने का संदेश दिया। देव ने करमचंदसेठ , कु•दीप ,कु•हर्षित यमदूत, आयुष्मान और वैभव सेठ के पुत्रगण ,सेठ की पत्नी रिया, कु• रिद्धि ने ब्रह्मकुमारी के रूप में अभिनय करके सकारात्मक कर्म करने का संदेश दिया।बी•के•प्रतिभा बहन ने राजयोंग़ के बारे में बताया कि मन और बुद्धि को परमात्मा में लगाना ही राजयोग है। इससे जन्मांतर के लिए श्रेष्ठ भाग्य की प्राप्ति होती है। राजेश कुमार सिंह उप जिलाधिकारी घोरावल ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि राजयोंग के द्वारा मैंने अपने क्रोध पर काफी हद तक नियंत्रण करने से प्रशासनिक कार्यों को करने में बहुत सहयोग प्राप्त हुआ। अब मैं पहले की अपेक्षा तनावमुक्त होकर कुशलतापूर्वक अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करता हूँ।कु•दिव्या एवं कुमारी श्वेता ने -हर एक सपना से सुंदर मेरा संसार गीत पर मनमोहन नृत्य प्रस्तुत किया ।बी•के•डॉ•हरिन्द्र भाई ने मंच का संचालन बहुत ही प्रभावशाली ढंग से किया सेवा केंद्र के वार्षिकउत्सवों पर केक काटकर खुशियों को सर्व के बीच बांटा गया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने मे बी के सरोज, कविता, दीपशिखा, अवधेश भाई, गोपाल भाई, डंगर भाई, हरिशंकर भाई, प्रभा बहन ने विशेष योगदान दिया।

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