
खबर युवाओं से जुड़ी हुई
आनलाइन गेमिंग की आड़ में नए तौर-तरीके से सट्टेबाजी हो रही है और उसके शिकार..!
क्यों नही दिखता सरकार को यह गंदा कारोबार..?
सट्टेबाजी गैरकानूनी होने के बावजूद चोरी-छिपे या खुलेआम बड़ी बड़ी हस्तियों ने विज्ञापन देकर युवाओं..!
आज ऑनलाइन जुआ युवाओं की पसंद बना हुआ हैं ओर जबरदस्त तरीके से खेला जा रहा हैं जबकि कुछ मशहूर खिलाड़ियों और जानी-मानी हस्तियों ने ‘गेमिंग ऐप’ का जिस तरह भ्रमित कर देने वाला प्रचार किया है,उसके बुरे नतीजे साफ दिखने शुरू हो गए हैं!आनलाइन गेमिंग की आड़ में नए तौर-तरीके से सट्टेबाजी हो रही है और उसके शिकार हो रहे हैं किशोर और युवा। आनलाइन गेम की लत उन्हें इस जुए के नए जाल में फंसा रही है!उत्तर प्रदेश के झांसी में नर्सिंग की एक छात्रा ने सट्टे में बड़ी रकम गंवाने के बाद जो किया,वह कोई अकेली घटना नहीं है! कुछ महीने पहले अलीगढ़ में भी एक लड़के ने ऐसी सट्टेबाजी में हजारों रुपए बर्बाद करने के बाद अपने ही अपहरण की झूठी कहानी रची थी!झांसी में टोडी फतेहपुर की छात्रा ने भी दोस्तों के साथ मिल कर वही कहानी दोहराई और अपने ही परिजनों से छह लाख रुपए की फिरौती मांगी!दरअसल आजकल आनलाइन सट्टेबाजी का चस्का जिस तरह लोगों को लगा है,वह कई भारतीय परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है!झांसी का मामला ऐसी घटनाओं की एक कड़ी भर है। ऐसे हजारों युवा होंगे जो रोज लाखों रुपए गंवा रहे होंगे और जिन पर किसी की नजर नहीं जा पाती!सवाल है कि किसी तरह की सट्टेबाजी गैरकानूनी होने के बावजूद चोरी-छिपे या खुलेआम विज्ञापन देकर युवाओं को अगर जुए की लत में फंसाया जा रहा है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? आनलाइन गेमिंग के नाम पर चल रहे इस खेल को कौन बढ़ावा दे रहा है और इसके नतीजे क्या आ रहे हैं, यह कानून की नजर में अवश्य होना चाहिए! पिछले कुछ समय से कई ‘बेटिंग ऐप्स’ और वेबसाइटों पर खुलेआम सट्टेबाजी हो रही है! पहली बार कोई सट्टा जीतता है, तो फिर उसके बाद उसके लिए एक दलदल तैयार हो जाता है, जिसमें घुसने के बाद वह निकल नहीं पाता। शुरू में कमाई हुई, फिर कब सारी पूंजी लुट गई, इसका अहसास तब होता है जब पीड़ित को यह पता चलता है कि दोस्तों से कर्ज लिए रुपए भी डूब गए। यह भी संभव है कि सट्टेबाजी कराने वाली कंपनियां युवाओं की मनोस्थिति भांप कर उनको जाल में फंसाती हों। इस तरह के खेल में उलझना एक अंधी सुरंग में भटक जाने की तरह है। इसमें फंसने वाले युवाओं और किशोरों को बचाने की जरूरत है।
रिपोर्टर रमेंश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़