संवाददाता विकाश विश्वकर्मा शहडोल
शहडोल जिले के जनपद पंचायत सो
हागपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत करकटी में लंबे समय से हो रही कार्यवाही को लेकर क्या अब कमिश्नर श्रीमति सुरभि गुप्ता जी से ग्रामीणों ने आस लगाए बैठे हैं कि पंचायत सचिव के खिलाफ जाँच की जाए और जो भी कार्य इनके कार्यकाल में किए गए हैं, उस कार्य को भी पुनः मूल्यांकन कर कार्यवाही की जाए । ग्रामीणों द्वारा यह भी कहना हैं कि अगर जो हाल ही में निर्माण कार्य बाउंड्री वाल को घटिया तरीके से कार्य किया जा रहा हैं, साथ ही मटेरियल भी एक्सपायरी इस्तेमाल में लाया जा रहा हैं।
*अगर पंचायत में लगा आरटीआई तो पंचायत में होंगी चोरी*
इस ग्राम पंचायत में बड़े ही अजीब किस्म की बात सामने आती हैं। ग्रामीणों को अपनी ग्राम पंचायत में क्या कार्य हो रहा हैं, और कितने बिल लगे हैं, सब को जानने का अधिकार सरकार ने दे रखा हैं, पर जब अपने ही ग्राम पंचायत के बारे में किसी भी ग्रामीण को कोई जानकारी ही न होतो वो आरटीआई का सहारा लेता हैं, पर ग्रामीणों को क्या पता कि आरटीआई भी बस एक मजाक ही बन कर रह जाएगा। पंचायत में आरटीआई लगती हैं तो उसका जवाब मिलने से पहले ही उस पंचायत में चोरों के द्वारा चोरी कर ली जाती हैं। और उस चोरी का अगर डिटेल ग्रामीणों के द्वारा ग्राम पंचायत सचिव से मांगी जाती हैं तो सचिव को कुछ पता ही नहीं कि क्या चोरी हुआ हैं और क्या नहीं , और जब बात आती हैं एफआईआर की तो समय से पुलिस को सूचना न दे कर एक सोची समझी रणनीति बना कर थाने में उपस्थित हो कर शिकायत दर्ज कारवाई जाती हैं। और उस शिकायत की कॉफी मांगी जाती हैं तो उसके लिए भी आरटीआई का सहारा लिया जाता हैं। पर कार्यवाही और जानकारी ग्रामीणों बिल्कुल नहीं दी जाती ।
*लंबे समय से एक ही जगह पर पंचायत सचिव*
एक ऐसा भी सचिव होता कि सभी ग्रामीणों की शासन की योजनाओं को उन तक पहुंचने का कार्य करते हैं। पर कुछ ऐसे भी होते हैं कि योजनाओं का लाभ तो बहुत ही दूर की बात उनकी स्वयं की जानकारी तक उनको नहीं पता बात करें ग्राम पंचायत करकटी की तो यहाँ के सचिव के पास दो दो प्रभार हैं और काफी लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। जिससे कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लाभान्वितो तक नहीं पहुंच रहा हैं। और साथ ही अगर किसी कदर लाभ मिल भी जाता हैं तो उनके आवास पूरे नहीं हो पाते क्योंकि कुछ पैसे तो कमीशन में चले जाते हैं।बाकी बचे पैसे से आवास पूरा नहीं होता हैं।
*फर्जी बिलों का भरमार हैं ग्राम पंचायत में*
करकटी पंचायत में लग रहे बिलों की बात की जाए तो जो आज तक किसी कार्य को न देखे हो और उनका बिल लग जाए। ऐसा जादू अपने कभी देखा हैं, कुछ फार्म केवल कागजो तक सीमित हैं और कुछ तो फार्म स्थापित भी हैं पर पैसे निकालने के लिए ही केवल बिल का उपयोग लाया जाता हैं। पंचायतों में कच्चे बिल और जीएसटी बिल को लगाकर पैसा का आहरण कर लिया जाता हैं। और सप्लायर्स भी कमीशन की लालच में आकर इनका भरपूर सहयोग कर रहे हैं। पर सप्लायर यह नहीं जानते कि जो भी बिल हमारे द्वारा लगाए जा रहे हैं वो सब बिल ऑनलाइन शो हो रहा हैं जिससे हर कोई बिल की कॉपी देख सकता हैं।