दुधवा में तराई की मिट्टी का उत्सव “लखीमपुर महोत्सव” का हुआ शानदार आगाज

लखीमपुर खीरी 25 नवंबर। दुधवा नेशनल पार्क परिसर में सोमवार को जिला प्रशासन एवं जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के तत्वावधान में तराई की मिट्टी का उत्सव “लखीमपुर महोत्सव-2024” का शानदार आगाज हुआ। महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, विशिष्ट अतिथि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ अरुण कुमार सागर ने संयुक्त रूप से मा. मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, आयुक्त लखनऊ मंडल डॉ रौशन जैकब, प्रधान मुख्य संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव, विधायक अमन गिरी, रोमी साहनी, एफडी ललित वर्मा, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, डीडी दुधवा की उपस्थिति में दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इससे पहले मंत्री गण और जनप्रतिनिधियों और अफसरो का पारंपरिक वेशभूषा में थारू महिलाओं से मंगल टीका कर जोरदार स्वागत किया। मंत्रीगण ने अपने हाथों से हथिनी गंगाजली को केला, गुड़ सहित अन्य खाद्य सामग्री भी खिलाई।

 

मंच पर दीप प्रज्ज्वलन के बाद शुरू हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कलाकारों एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियों से लोगों का मन मोह लिया।

मंत्रीगण ने उप्र ईको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा आयोजित नेचर गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के मेधावियों तथा ईको पर्यटन विकास हेतु कार्य कर रहे अग्रणी व्यक्तियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

 

प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर जनपद लखीमपुर खीरी में कराए जा रहे इस बड़े आयोजन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बड़े कलाकारों के साथ ही मंच पर जनपद के कलाकारों को मौका मिलने से उनमें भी और ऊंचाई पर जाने की ललक बढ़ेगी। महोत्सव के जरिए जनपद की लोक कलाओं संस्कृति के साथ ही अन्य कलाओं को भी एक बड़ा मंच हासिल होता है। प्रदेश सरकार लगातार भारत की संस्कृति कला व ग्रामीण परिवेश की चीजों को बढ़ावा दे रही है।

 

उन्होंने कहा कि बेहद खुशी की बात है कि यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 50 से कम है। इसे प्रकृति की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। इस दुधवा में बीमार व्यक्ति भी 15 से 20 दिन रहकर बिना इलाज के सही हो सकता है। सरकार दुधवा नेशनल पार्क के स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी और रोजगार देने का काम कर रहा है। प्रदेश की हर विधानसभा में पर्यटन विकास के लिए अनेकानेक प्रयास धरातल पर उतरे हैं। आज उप्र के प्रति लोगों की अवधारणा बदली है। आज निवेशक रिकॉर्ड स्तर पर निवेश कर रहे हैं। आज योगी जी के नेतृत्व में उप्र उभरता, दमकता, चमकता बनता जा रहा है। यह गर्व और फर्क की बात है। उन्होंने मौजूद बच्चों को नेशन फर्स्ट का मंत्र देकर तरक्की और विकास की राह में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया। बच्चों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। मौजूद बच्चे आने वाले समय में हर फील्ड में होनहार बनेंगे ऐसी शुभकामनाएं दी।

 

वन मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि लखीमपुर महोत्सव में बच्चों ने दिल को जीतने वाली प्रस्तुति दी है। पर्यटक वायुयान सेवा से लोगों को सहूलियत होगी। दुधवा में 80 फ़ीसदी पर्यटकों को टाइगर दिखता है। यह क्षेत्र वन्य जीव और वन्य संपदाओं से युक्त है। यहां की शुद्ध हवा दिल दिमाग को तरोताजा रखती है। गत वर्ष एंट्री टिकट को काम किया, तो पर्यटको की संख्या में काफी इजाफा हुआ। इस वर्ष भी रेट नहीं, बधाई उम्मीद है कि पर्यटकों की संख्या चार गुनी होगी। आसपास के नौजवानों को सफारी में ड्राइवर, गाइड का प्रशिक्षण देकर रोजगार का अवसर प्रदान किया। कैंटीन का भी संचालन वनवासी समाज को प्रदान किया।वेटलैंड औरवन्य जीव से समृद्ध दुधवा नेशनल पार्क की और तरक्की होगी। अन्य प्रदेशों की तुलना में दुधवा में टाइगर देखने की संभावना ज्यादा है।

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*लखीमपुर महोत्सव में बिखरे थारू संस्कृति के रंग*

दुधवा नेशनल पार्क की धरा पर आयोजित

तराई की मिट्टी का उत्सव “लखीमपुर महोत्सव”में ईको विकास समिति की महिला कलाकारों ने थारू संस्कृति के रंग बिखरे और मौजूद जनसमूह का मन मोह लिया। थारू जनजाति की महिलाओं के इस दल ने पारंपरिक थारू नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी।

*पर्यावरण संतुलन में वन्य जीवों की भूमिका अहम : कबीना मंत्री*

*आकर्षण का केंद्र रही वन्यजीव फोटो प्रदर्शनी, दी गई विशेष जानकारियां*

दुधवा की धारा पर सजे लखीमपुर महोत्सव में लगी वन्यजीव फोटो प्रदर्शनी लोगों की विशेष पसंद का हिस्सा बनी। इसमें विभिन्न वन्य जीवो से संबंधित चित्रों को देखकर लोगों ने उनकी विशेषता को बखूबी समझा। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ अरुण कुमार सागर ने वन्य जीव फोटो प्रदर्शनी की गुणवत्ता की तारीफ की। कहा कि वन्यजीवों को घरों में पालतू बनाकर नहीं रखना चाहिए, यह अपराध की श्रेणी में आता है। पर्यावरण संतुलन में वन्यजीवों की भूमिका अहम होती है। कहा कि इन चित्रों को देखने के बाद लोगों में इन वन्य जीवों को देखने की उत्कंठा जागृत होगी जिससे जनपद में पर्यटन विकास को बल मिलेगा। कार्यक्रम में थारू उत्पाद की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। वही स्कूली बच्चों द्वारा तैयार की गई रंगोली ने सभी का मन मोहा। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों, स्थानीय नागरिकों एवं जनसामान्य में वन्य जीवों की सुरक्षा, संरक्षण, पक्षियों, एवं वन्य जीवों की पहचान करते हुए उनका मानव जीवन में क्या उपयोगिता होती है, की जानकारी दी गई।

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*प्रतियोगिताओं में स्कूलों ने जीते पुरस्कार, फोटो प्रदर्शनी में उत्कृष्ट फोटोग्राफी पर हुआ अलंकरण*

वन, एवं वन्य जीवों पर आधारित विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित नुक्कड़ नाटक में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले गुरुकुल एकेडमी स्कूल पलिया प्रथम और गोल्डन फ्लावर पब्लिक स्कूल ने द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मान पाया। वन एवं वन्य जीव आधारित ऑनलाइन फोटो प्रदर्शनी में चयनित फोटो प्रदर्शनी में उत्कृष्ट फोटो में विनीता ने प्रथम, श्रुति गुप्ता ने द्वितीय एवं अपूर्ण दीक्षित ने तृतीय स्थान प्राप्त करने पर सम्मान पाया।

 

*उत्कृष्ट कामकाजपर इनको मिला सम्मान* :

दुधवा टाइगर रिजर्व की सुरक्षा एवं संरक्षा में दिन-रात समर्पित रहने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों में से उत्कृष्ठ सेवा देने वाले क्षेत्रीय वन अधिकारी किशनपुर मो0 अयूब, वन दरोगा, दुधवा रेंज  अनुराग कुमार, वन्य जीव रक्षक किशनपुर रेंज अमित गंगवार, दैनिक चाराकटर, दक्षिण सोनारीपुर रेंज देशराज, दैनिक महावत, बेलरायां रेंज पप्पू,  दैनिक सुरक्षा वाचर, सठियाना रेंज धीरेन्द्र कुमार, दैनिक सुरक्षा वाचर दुधवा रेंज प्रदीप शर्मा, दैनिक सुरक्षा वाचार, गौरीफण्टा रेंज सुशील कुमार को सम्मानित किया।

 

दुधवा की जैव विविधता का पर्यअकों को दर्शन कराने हेतु चयनित 90 नेचर गाइड़ों में से महिला वर्ग में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले नेचर गाइड देवकी राना, मसानखंभ, सुश्री रीति पलिया, समिता राय, रामनगर, चंदनचौकी, सुश्री रन्नो राना मौरा, चंदनचौकी, प्रिया राय, रामनगर चंदनचौकी को भी सम्मान मिला। उत्कृष्ठ संचालित ईको विकास समिति दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया – खीरी के आस-पास निवासरत लोगों की वनों से निर्भरता को समाप्त / न्यून किए जाने की दृष्टि से सक्रिय रूप से संचालित 16 ईको विकास समितियों में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली ईको समिति ईको विकास समिति, फरसैहिया, दुधवा रेंज को भी सम्मानित किया गया।

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*आज जिले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ रहा : डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल*

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जिले की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत को वृहद स्तर पर उजागर करने के लिए जिले में पहली बार लखीमपुर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह महोत्सव निश्चित रूप से पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।आज जिले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ रहा है। पलिया के मुजहा गांव में 1996 में बनी हवाई पट्टी के जरिए लखनऊ से दुधवा के बीच हेलीकाप्टर सेवा शुरू हो रही है। इससे दुधवा नेशनल पार्क के पर्यटन को निश्चित  रूप से ने आयाम मिलेंगे। “तराई के मिट्टी के उत्सव” थीम पर आयोजित लखीमपुर महोत्सव 2024 में चार दिनों में पांच बड़े आयोजन होंगे, जिसमें कुल 54 कार्यक्रम होने हैं। इसमें 42 प्रतिभागी हिस्सा ले रहें हैं, जिसमें से 30 स्थानीय प्रतिभाओं को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका लखीमपुर महोत्सव में प्रदान किया जा रहा है। एक ही स्थान पर महोत्सव आयोजन कराने की परंपरा से हटकर लखीमपुर खीरी जिले में सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत से जुड़े स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के उद्देश्य से पांच अलग-अलग स्थानो पर आयोजित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि भारत नेपाल सीमा पर बसा खीरी जिला अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। जिले के विस्तृत क्षेत्रफल में फैले दुधवा नेशनल पार्क के प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध जैव विविधता जग जाहिर है। घने जंगलों में विचरण करते बाघ और तेंदुए, कुलांचे भरते हिरनों के झुंड, बड़े बड़े जलाशयों में कलरव करते रंग बिरंगे परिंदे सैलानियों को रोमांचित करते हैं। दुधवा नेशनल पार्क की सीमाओं पर बसी थारू जनजाति की अनूठी संस्कृति अद्भुत है। थारू जनजाति की महिलाओं के हाथों के हुनर से निर्मित हस्त शिल्प आज दुनियाभर में अपनी पहचान बना रहा है। जिले में छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध धार्मिक नगरी गोला गोकरननाथ का पौराणिक शिव मंदिर लाखों लोगों की गहन‌ आस्था का केंद्र है। ओयल का मेंढक शिव मंदिर अपनी अनूठी‌ वास्तु संरचना के लिए प्रसिद्ध है। खीरी जिले में जहां ईकोटूरिज्म की तमाम संभावनाएं हैं। वहीं सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं।

जिला संवाददाता योगेश कुमार गुप्ता

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