चित्तौड़ गढ़ सुरेश शर्मा
चित्तौड़गढ़.राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में 452 साल बाद चित्तौड़गढ़ में हुआ राज्य परिवार के किसी सदस्य का राजतिलक, विश्वराज सिंह का खून से हुआ राजतिलक राजघरानों के प्रतिनिधि आए. राजस्थान में उदयपुर के पूर्व राज परिवार सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद सोमवार को उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ. विश्व विख्यात ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग स्थित फतह प्रकाश महल में उनके राजतिलक की रस्म निभाई गई. 21 तोपों की सलामी के साथ सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने अपना अंगूठा काटकर अपने खून से तिलक लगाया और विश्वराज सिंह को गद्दी पर बिठाया.
हालांकि, राजशाही खत्म होने के बाद राजतिलक की यह परंपरा प्रतीकात्मक रही. इसके साथ ही विश्वराज सिंह एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवान होंगे. मेवाड़ राजवंश के 77वें महाराणा के लिए पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए. कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न राजघरानों से उनके प्रतिनिधि पहुंचे. राजतिलक की यह परंपरा 452 साल पुरानी बताई गई. फरवरी 1572 में सलूंबर के तत्कालीन रावत राजपरिवार के मुखिया ने रक्त तिलक लगाकर कुंवर प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था.
इतिहासकार और पूर्व राजघराने के नजदीकी डॉ. अज्ञात शत्रु सिंह शिवरति के अनुसार कुंवर प्रताप का राजतिलक गोगुंदा बावड़ी के पास किया गया था. तत्कालीन परिस्थितियों में जल्दबाजी में चूंडा वंशज में वरिष्ठ रावत किशन दास ने राज्याभिषेक किया. उस समय पूजा की थाली नहीं थी और न ही कुमकुम उपलब्ध हो पाया, तब रावत किशन दास ने अंगूठा चीरकर अपने खून से राजतिलक करते हुए प्रताप को मेवाड़ का महाराणा घोषित किया था. डॉ. अज्ञात शत्रु का दावा है कि तब से ही यह परंपरा चल पड़ी. महाराणा का राज्याभिषेक सलूंबर रावत चूंडा के वंशज ही करते आए हैं.
उदयपुर में विवाद की आशंका
आयोजकों के अनुसार उत्तराधिकार दस्तूर के बादविश्वराज सिंह का सिटी पैलेस में धूंणी दर्शन का कार्यक्रम है, जबकि सिटी पैलेस दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के कब्जे में है. दिवंगत भगवत सिंह मेवाड़ की वसीयत से अरविंद सिंह स्वयं को महाराणा मेवाडट चैरिटेबल फाउंडेशन का अध्यक्ष बताते हैं. इस बारे में ट्रस्ट द्वारा रविवार शाम दो आम सूचनाएं जारी की गईं. एक अन्य आम सूचना में कहा गया कि विश्वराज ट्रस्ट के सदस्य नहीं हैं और सोमवार को पैलेस म्यूजियम में सुरक्षा की दृष्टि से अनाधिकृत लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. विश्वराज के एकलिंग जी मंदिर जाने का भी कार्यक्रम बनाया गया. इस बारे में भी ट्रस्ट द्वारा एक अन्य आम सूचना में बताया गया कि अरविंद सिंह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. इस मंदिर में भी अनाधिकृत प्रवेश निषेध रहेगा. ट्रस्ट की संपत्ति को नुकसान की आशंका जताते हुए पुलिस एवं प्रशासन से ट्रस्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा मांगी गई. बता दें कि विश्वराज सिंह वर्तमान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि उनकी पत्नी महिमा सिंह राजसमंद लोकसभा से सांसद हैं.
उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाजे हुए बंद
विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक होने के साथ ही उदयपुर सिटी पैलेस के दोनों दरवाजों को बंद कर दिया गया है. फिलहाल, उदयपुर प्रशासन द्वारा पूरे मामले में बातचीत की जा रही है. विश्वराज सिंह परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस जाएंगे, लेकिन सिटी पैलेस में जाने के गेट (रंगनिवास और जगदीश चौक से अंदर जाने वाला) बंद कर दिए गए हैं. रंगनिवास वाले गेट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल सिटी पैलेस पहुंचे. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की जा रही है.