चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में दस्तूर (रस्म) कार्यक्रम के दौरान खून से राजतिलक की रस्म हुई।
रिपोर्टर:- सुरेन्द्र सिंह अलवर (इंडियन टीवी न्यूज़)
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई। लोकतंत्र आने के बाद राजशाही खत्म हो गई है, लेकिन प्रतीकात्मक यह रस्म निभाई जाती है। सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में दस्तूर (रस्म) कार्यक्रम के दौरान खून से राजतिलक की रस्म हुई।
चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे, लेकिन सिटी पैलेस में जाने के गेट (रंगनिवास और जगदीश चौक से अंदर जाने वाला) बंद कर दिए गए थे। हालांकि विश्वराज सिंह मेवाड़ के काफिले की 6 गाड़ियां जगदीश चौक तक पहुंच गई। यहां समर्थकों ने बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की। यह परिवार महाराणा प्रताप का वंशज है।
इससे पहले, 3 अक्टूबर को भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सिटी पैलेस जाने पर विवाद हो गया था। सिटी पैलेस में जाने पर राजसमंद सांसद महिमा कुमारी और उनके पति व नाथद्वारा एमएलए विश्वराज सिंह ने सवाल उठाते हुए इसे उनकी गरिमा के खिलाफ बताया था।