बिजली निजीकरण के खिलाफ माकपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
कहा: आम उपभोक्ता के खिलाफ है निजीकरण का फैसला सोनभद्र। विद्युत निजीकरण के खिलाफ बुधवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
सीपीआईएम के जिला मंत्री कामरेड नंदलाल आर्य ने कहा कि बिजली विकास का आधार है और यह राज्य की जिम्मेदारी है कि हर नागरिक को आवक रूप से सस्ती बिजली उपलब्ध हो, बिजली को कुछ करपोरेट्स कंपनियों के लिए मुनाफा कमाने का साधन नहीं बनाया जा सकता। बताया कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम में घाटे के नाम पर उक्त निगम का निजीकरण का फैसला लिया गया है। घाटा एक लाख 10 हजार करोड रुपए का बताया जा रहा है, जबकि बिलों का बकाया एक लाख 5828 करोड़ रूपया का है, जिसका प्रचंड हिस्सा सरकारी विभागों, पुलिस विभाग, इंडस्ट्रीज आदि पर है, जिससे घाटा पूरा होकर निगम फायदे में हो सकते हैं। कहा कि निजीकरण का फैसला आम उपभोक्ता के खिलाफ है। मांग की कि निजीकरण के फैसले को तत्काल वापस लिया जाए। इसके अलावा उन्होंने राज्यपाल को भेजे पत्र में अन्य मांग की है।