तमाम जागरूकता और सतर्कता अभियान चलाने के बावजूद..!
साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं! तमाम जागरूकता और सतर्कता अभियान चलाने के बावजूद न तो समाज ही समुचित रूप से सतर्क और जागरूक हो पा रहा है और न ही सरकार तथा पुलिस साइबर ठगों पर प्रभावी ढंग से लगाम कस पा रही है!साइबर अपराधों की फेहरिस्त में आजकल डिजिटल अरेस्ट नाम का एक जोखिम शामिल हो गया है!लोगों को सरकारी एजेंसियों का डर दिखा कर उन्हें भयभीत किया जाता है और इसी स्थिति में उनकी जमा पूंजी लूट ली जाती है। यह भी जांच का विषय है कि सरकारी जांच एजेंसियों का खौफ साइबर अपराधियों का नया हथियार कैसे बन गया व लोगों की दुखती रग का अनुचित लाभ उठा कर अपने मकसद में कैसे सफल हो जाते हैं!सवाल यह भी है कि लोग अपरिचित नंबरों से आए काल उठाते ही क्यों हैं? एक बार खतरे का आभास होने पर भी लगातार उस काल से चिपके क्यों रहते हैं? ऐसे डराने वाले फोन काल को तुरंत काट कर करीबी साथी सहयोगी या पुलिस को अपने या दूसरे फोन से सूचना देनी चाहिए ताकि ठगों के जाल से बचा जा सके!बहरहाल सतर्कता और सावधानी ही साइबर ठगी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़