यमुना नगर से संवाददाता एवं ब्यूरोचीफ संदीप गाँधी की रिपोर्ट
नागरिक अधिकार मंच ने अनाज मंडी गेट से लघु सचिवालय तक पैदल मार्च किया और संविधान बचाओ, देश बचाओ के नारे लगाते हुए एस डी एम सोनू राम को देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन सौंपा ।
*जिसमें विषय रहा इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा दिए गए संविधान विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी बयान के विरोध में ज्ञापन*
दिनांक: 18 दिसंबर 2024
आज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा दिए गए संविधान विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी बयान के विरोध में एक ज्ञापन जारी किया गया। इस ज्ञापन में विभिन्न वकीलों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस बयान को संविधान की भावना और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों के खिलाफ करार दिया है।
ज्ञापन में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चीफ जस्टिस का बयान भारतीय संविधान के मूल्यों, न्याय और समानता के खिलाफ है। यह बयान न केवल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि यह समाज में भेदभाव और घृणा को बढ़ावा देता है।
ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गई हैं:
चीफ जस्टिस द्वारा दिए गए बयान की सख्त निंदा की जाए।
चीफ जस्टिस अपने बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगे।
चीफ जस्टिस के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाए।
संविधान और अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका और सरकार द्वारा सख्त कदम उठाए जाएं।
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि यह कदम संविधान और समाज की मूल भावना की रक्षा करने के लिए उठाया गया है और इसका उद्देश्य न्यायपालिका की निष्पक्षता और समाज में समरसता को सुनिश्चित करना है।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से निम्नलिखित लोग शामिल हैं:
एडवोकेट बलबीर सिंह
जरनैल सांगवान
अजमेर सिंह
एडवोकेट हरभजन सिंह
मुक़्तियार सिंह
लक्ष्मण विनायक
सुरजीत सिंह
सुमित पाल सिंह
राहुल भान
आदि।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि भारतीय न्यायपालिका को हमेशा अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहना चाहिए और समाज में भेदभाव और असहमति की भावना को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। सभी वकील इस मामले में सख्त कार्रवाई की उम्मीद करते हैं और न्यायपालिका से संविधान और मानवाधिकारों की रक्षा करने की अपील करते हैं।
यमुना नगर से संवाददाता
एवं ब्यूरोचीफ संदीप गाँधी की रिपोर्ट ।