बाबा साहब ने कहा था छुआछूत गुलामी से भी बदतर है – आशु
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
राबर्ट्सगंज नगर काशीराम आवास में जन चौपाल लगाकर किया बाबा साहब को याद
बाबा साहब ने ही अछूत समुदाय को भी नगर की चवदार जलासय से पानी लेने का अधिकार दिलाने के लिए सत्याग्रह चलाया
बाबा साहब पर टिप्पणी करने वाले लोग भूल जाते हैं संविधान का निर्माता कौन है
सोनभद्र। मंगलवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य आशुतोष कुमार दुबे (आशु) द्वारा राबर्ट्सगंज विधानसभा के नगर राबर्ट्सगंज में काशीराम आवास पर जाकर वहां पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय , उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के यशस्वी अध्यक्ष अजय राय (पूर्व-कैबिनेट मंत्री/ पूर्व- विधायक ) राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी के निर्देश पर चौपाल लगाकर दलित बस्ती में बाबा साहब द्वारा किए गए कार्यों एवं दलित समुदाय के लोगों को अधिकार दिलाने का काम जो बाबा साहब ने किया जो लड़ाई लड़ी उस विषय पर प्रकाश डालते हुए मौजूदा सरकार द्वारा उन पर किए गए टिप्पणी के निंदा भी की । आशु दुबे ने कहा कि सन 1927 तक, डॉ॰ भीम राव आम्बेडकर ने छुआछूत के विरुद्ध एक व्यापक एवं सक्रिय आंदोलन आरम्भ करने का निर्णय किया था, उन्होंने सार्वजनिक आंदोलनों, सत्याग्रहों और जलूसों के द्वारा, पेयजल के सार्वजनिक संसाधन समाज के सभी वर्गों के लिये खुलवाने के साथ ही उन्होनें अछूतों को भी हिंदू मन्दिरों में प्रवेश करने का अधिकार दिलाने के लिये संघर्ष किया। उन्होंने महाड शहर में अछूत समुदाय को भी नगर की चवदार जलाशय से पानी लेने का अधिकार दिलाने कि लिये सत्याग्रह चलाया। बाबा साहब ने कहा था “छुआछूत गुलामी से भी बदतर है।” ये बड़ौदा के रियासत राज्य द्वारा शिक्षित थे, अतः उनकी सेवा करने के लिए बाध्य थे। उन्हें महाराजा गायकवाड़ का सैन्य सचिव नियुक्त किया गया, लेकिन जातिगत भेदभाव के कारण कुछ ही समय में उन्हें यह नौकरी छोड़नी पडी। उन्होंने इस घटना को अपनी आत्मकथा, ‘ वेटिंग फॉर अ वीजा ‘ में वर्णित किया । इसके बाद, उन्होंने अपने बढ़ते परिवार के लिए जीविका साधन खोजने के पुनः प्रयास किये, जिसके लिये उन्होंने लेखाकार के रूप में, व एक निजी शिक्षक के रूप में भी काम किया, और एक निवेश परामर्श व्यवसाय की स्थापना की, किन्तु ये सभी प्रयास तब विफल हो गये जब उनके ग्राहकों ने जाना कि ये अछूत हैं।1918 में, ये मुंबई में सिडेनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। हालांकि वे छात्रों के साथ सफल रहे, फिर भी अन्य प्रोफेसरों ने उनके साथ पानी पीने के बर्तन साझा करने पर विरोध किया। आशु दुबे ने कहा कि अगर देखा जाए तो डॉक्टर साहब भीमराव अंबेडकर जी ने तमाम कुरीतियों का खुद सामना करते हुए उनसे लड़ाई लड़कर अधिकार दिलाने का काम किया है, शहर कांग्रेस कमेटी के महासचिव शंकर भारती ने कहा कि बाबा साहब ने हम सभी को जो अधिकार दिलाने का काम किया है उनके ऊपर किसी प्रकार की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे , जिला कांग्रेस कमेटी अनुसूचित प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार गौतम ने कहा कि बाबा साहब की वजह से ही आज हम सभी लोगों को अधिकार मिला है और उनके संघर्ष को हम जाया नहीं जाने देंगे और संविधान पर किसी प्रकार की बात हम बर्दाश्त नहीं करेंगे ,उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष अजीत खरवार ने कहा कि संविधान रचयिता हम सबके मसीहा हैं और उनका सम्मान करते हैं उन पर टिप्पणी गलत है, रावटसगंज विधानसभा युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष मिथिलेश पासवान ने कहा कि दलित छात्रों को उनका अधिकार जो मिला है उसमें बाबा साहब की भूमिका है और यह संविधान बाबा साहब ने बनाया है ,स्थानी निवासी मुनिया देवी ने कहा कि जो लोग बाबा साहब का विरोध करते हैं वह समाज विरोधी लोग हैं, स्थानीय निवासी कलावती ने कहा कि दलित समाज किस प्रकार से अपना जीवन बिताते हैं यह सर्वप्रथम देखने का काम बाबा साहब ने किया और उन पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी दलित बर्दाश्त नहीं करेगा ।मुख्य रूप से उपस्थित रहने वालों में युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सूरज वर्मा, कांग्रेस नेता श्रीकांत मिश्रा, जिला महासचिव युवा कांग्रेस दयाराम प्रजापति ,राष्ट्रीय छात्र संघटन के जिला अध्यक्ष अंशु गुप्ता ,सुशील भारती,दीपू कुमार ,प्रमिला भारती, हीरावती भारती, सुमति देवी,मुन्नी देवी,विमला भर्ती,सुगनी भर्ती,गुलाबी देवी,बुल्लू,गुलाब राम,रंजीत भारती, बाबू राम,इरफान खान, विजय कुमार,किसन भारती, रामजी भारती,कब साथ सैकड़ो लोग उपस्थित रहे ।