केशव साहू राजनादगांव जिला छत्तीसगढ़
सरकार द्वारा प्रसव पर एक स्लोगन दिया गया है मायके हो या ससुराल में जचकी कराओ अस्पताल में, साथ ही सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन दिया जाता है किंतु आज एक प्रसूता महिला खराब सिस्टम की भेंट चढ़ गई । मामला राजनांदगांव जिला के डोंगरगढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम मुरमुंदा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की है जहां गर्भवती शालिनी डिलीवरी तिथि लेट होते देख सामान्य चेकअप के लिए दोपहर लगभग 12:00 बजे मुरमुंदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। डॉक्टर ने चेक किया और बताया कि डिलीवरी का समय हो गया है नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगा । मृतिका दोपहर लगभग 3:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी से एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। प्रसव उपरांत मृतिका महिला का ब्लडिंग कम नहीं हुआ। जिसके बाद डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ रीफर कर दिया गया । हॉस्पिटल में गाड़ी नहीं होने के कारण शालिनी और उनके परिजनों काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जिसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगढ़ शाम लगभग 5 बजे पहुंचे। 20 मिनट बाद डॉक्टरों ने शालिनी को मृत घोषित कर दिया। आज हॉस्पिटल की खराब सिस्टम और लाचार व्यवस्था ने एक माँ की जान ले ली। अंततः घटिया व्यवस्था के सामने शालिनी ने दम तोड़ दी।