
राजेश कुमार तिवारी इंडियन टीवी न्यूज़
*दलित संगठनों के भारत बंद का शहर में मिला जुला असर, रैली निकाल जताया विरोध, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, पुलिस रही अलर्ट, चाकचौबंद व्यवस्था के बीच हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन*
*कटनी* आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्धारा हाल ही में दिए गए निर्णय के खिलाफ दलित और आदिवासी संगठनों द्धारा बुलाए गए भारत बंद का कटनी में मिला जुला असर रहा।
दलित और आदिवासी संगठनों के द्धारा शहर में रैली निकाल कर व्यापारियों से बंद की अपील की गई और इसके बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर निर्णय को वापस लेने की मांग की गई। भारत बंद को देखते हुए जिला पुलिस बल द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखे गए थे। पुलिस की सतर्कता और कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन सम्मान हुआ।
रैली में शामिल दलित और आदिवासी संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता हाथों में झंडे बैनर लेकर निर्णय के विरूद्ध नारेबाजी कर रहे थे। गौरतलब है कि दलित और आदिवासी संगठनों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है।
प्रदर्शनकारियों ने मांग करते हुए कहा की एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर नया कानून पारित किया जाए और सुप्रीम कोर्ट हाल ही के अपने फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का कहना है कि यह फैसला अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है। भारत बंद का कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने समर्थन किया है।
एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) का रुख भी नरम है और आंदोलन का समर्थन किया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का वो पूरा फैसला क्या है, जिसके खिलाफ विपक्ष लामबंद हो गया है और दलित-आदिवासी संगठनों को सड़कों पर उतरने का समर्थन करना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी-एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को बड़ा फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया है और पंजाब अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगा दी और कोटा के अंदर कोटा (सब कैटेगरी में रिजर्वेशन) को मंजूरी दे दी है। इसी को लेकर आज दलित व आदिवासी संगठनों के द्धारा पूरे देश के साथ कटनी में भी बड़ा आंदोलन किया गया।।