संवाददाता: सौदान सिंह चौहान
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कार्बाइड भोपाल के जहरीले कचरे के निपटान का विरोध तेज हो गया है। बुधवार को स्थानीय महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर पीथमपुर बचाओ समिति के 12 सदस्यों ने गांधीवादी तरीके से शव सत्याग्रह किया। प्रदर्शनकारियों ने ठीक 12 बजकर 12 मिनट पर शव की मुद्रा में लेटकर 12 मिनट तक अपना विरोध दर्ज कराया।
पीथमपुर बचाव समिति के अध्यक्ष डॉ हेमंत हीरोले ने बताया कि 1 जनवरी 25 की रात को 12 कंटेनरों में भोपाल से रासायनिक कचरा रामकी एनवायरो कंपनी में लाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस कचरे का निपटान पीथमपुर में किया गया तो न केवल शहर बल्कि आसपास के कई गांव भी प्रदूषण की चपेट में आ जाएंगे। 10 किलो तो ठीक है कंटेनर की सिल भी तोड़ी गई तो बड़ा जनाक्रोश होगा और बड़े पैमाने आंदोलन किया जाएगा।
धार जिले में धारा 163 लागू होने के कारण प्रशासन ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। प्रदर्शनकारियों का आरोप है, कि उच्च न्यायालय में सरकार ने उनकी चिंताओं को नहीं रखा है। यह शव सत्याग्रह सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का एक सांकेतिक प्रयास था।
भोपाल आई गैस पीड़ित साधना कर्णिक प्रधान कार्यकता ने बताया कि पहले 2015 में जो यूनियन कारबाइट का कचरा जलाया गया था जिसके पीथमपुर पर विकराल असर दिखाई दे रहा है। जिस से कई मजदूर कर्मचारी बीमारियों से पीड़ित है। वही अभी 337 मेट्रिक टन कचरा लाया गया है। अभी 1 लाख मेट्रिक टन कचरा भोपाल में है उसका क्या होगा क्या ओ भी पीथमपुर लाया जाएगा।
बाइट: साधना कर्णिक प्रधान भोपाल गैस पीड़ित कार्यकता
बाइट: डॉ हेमंत हिरोली पीथमपुर बचाओ समिति
बाइट: प्रदीप दुबे योग आचार्य महू
स्थान:पीथमपुर
संवाददाता: सौदान सिंह चौहान