नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
विभावि यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज मे फिर से होगा एलएलएम मे नामांकन
पूर्व कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव के कार्यकाल में हुआ था बंद
नामांकन बंद होने से यूएलसी को 1.48 करोड़ का हुआ नुकसान
लगभग दो वर्षों तक बंद रहने के बाद विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार के प्रयासों से विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में फिर से एलएलएम मे नामांकन लिया जाएगा।
प्रोफेसर पोद्दार के सख्त निर्देश से विधि महाविद्यालय में संचालित एलएलएम पाठ्यक्रम में सत्र 2024-26 मे नामांकन हेतु प्रवेश परीक्षा का आयोजन मंगलवार 18 फरवरी को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।
ज्ञात हो की सत्र 2022-24 में विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव ने परीक्षा परिषद द्वारा नामांकन सूची तैयार करवा कर पूरे नामांकन व्यवस्था को विवादित बना दिया था। नामांकन हेतु प्रवेश परीक्षा में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों उत्तीर्ण हुए थे। इसके बावजूद अजीबोगरीब नियम बनाकर 50 में से 24 स्थान रिक्त छोड़ दिए गए थे। तत्कालीन कुलपति के इस निर्णय से सत्र 2022-24 में युएलसी को 48 लाख रुपया का नुकसान हुआ था।
सत्र 2022-24 मे उत्पन्न किए गए नामांकन संबंधी विवाद के कारण ही 2023-25 में भी नामांकन नहीं हो पाया था। इसके चलते 2023-25 मे पूरे एक करोड़ रूपया का नुकसान विधि महाविद्यालय को उठाना पड़ा था। बाद में विभावि के नैक ग्रेडिंग पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा था।
विधि महाविद्यालय एक स्ववित्त पोषित संस्थान है और डॉ मुकुल नारायण देव की कार्यशैली से इस महाविद्यालय को 1.48 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। आयुक्त कुलपति सुमन कैथरीन किसपोट्टा के एक वर्ष से अधिक के कार्यकाल में विधि महाविद्यालय मे नामांकन हेतु कोई पहल नहीं हो पाया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने पहले नामांकन समिति की बैठक बुलाई जहां सदस्यों ने सर्वसम्मति से परीक्षा परिषद द्वारा नामांकन लेने की विवादित व्यवस्था को समाप्त किया। तत्पश्चात प्रवेश परीक्षा के संचालन के लिए उन्होंने डॉ इंद्रजीत कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यों की एक समिति गठित की। डॉ गंगानन्द सिंह और विधि महाविद्यालय के प्राचार्य रश्मि प्रधान को सदस्य मनोनीत किया गया।
मंगलवार को प्रवेश परीक्षा दोपहर 12:00 से अपराह्न 2:00 बजे तक कला भवन मे आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के नामांकन प्रकोष्ठ के नोडल पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया इस पाठ्यक्रम के लिए कुल 50 स्थान उपलब्ध है । प्रवेश परीक्षा के लिए कुल 111 विद्यार्थियों ने आवेदन समर्पित किया था। इसमें से 87 विद्यार्थी आज परीक्षा में सम्मिलित हुए।
परीक्षा के केंद्राधीक्षक डॉ गंगानन्द सिंह ने प्रवेश परीक्षा का सफल एवं कदाचार मुक्त संचालन किया। जिला प्रशासन की ओर से प्रशांत कुमार को दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त किया गया था। श्री प्रशांत, डॉ इंद्रजीत और रश्मि समय-समय पर परीक्षा कक्ष में राउंड लगाकर कड़ाई से परीक्षा का निरीक्षण करते रहे। डॉ इंद्रजीत कुमार ने हैरानी जताई कि विश्वविद्यालय के आग्रह के बावजूद दंडाधिकारी के साथ एक भी सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं कराए गए। वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके अग्रवाल, बतौर ऑब्जर्वर, परीक्षा कार्य में सहयोग किए।