
नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जो कुछ भी बन पाएगा मैं उसे जरूर करूंगा: कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह
कुलपति ने पहले ही दिन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं शिक्षकों के संग की बैठक
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह ने पहले ही दिन सारे शिक्षकों के साथ बैठक करके सब का दिल जीत लिया। विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में अपराह्न 4:00 बजे से उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, संकायअध्यक्ष विभागाध्यक्ष, निदेशक एवं तमाम शिक्षकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक मे सब का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर मिथिलेश कुमार सिंह ने सबसे पहले परिचय सत्र का आयोजन किया। उसके बाद उन्होंने बैठक का संचालन किया।
अपने संबोधन में कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि वह एक कार्यवाहक कुलपति के रूप में यहां पदस्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा “एक कार्यवाहक कुलपति के अधिकार क्षेत्र में जो कुछ भी बन पड़ेगा मैं विश्वविद्यालय हित में उसे जरूर करूंगा। जहां आवश्यकता होगी मैं राजभवन से भी स्वीकृति प्राप्त करने का प्रयास करूंगा।”
उन्होंने कहा कि झारखंड में कुलपति नियुक्त किए जाने के बाद अभी तक मात्र छह कार्य दिवस के ही अनुभव उनके पास है। उन्होंने कहा कि इस अल्प अवधि में मैंने जो समझा है वह यह है की सबसे पहले विश्वविद्यालय में व्यवस्थाओ का विकास करना जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि कुलपति को परामर्श देने के लिए एक तकनीकी सेल का जल्द गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह बायोटेक्नोलॉजी विभाग को विशेष रूप से विकसित करके राष्ट्रीय बायोटेक्नोलॉजी संस्थान के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे।
शिक्षकों की अत्यधिक कमी पर उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि मैं कुलाधिपति जी के समक्ष इस विषय को रखा था जिस पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लिया था। राज्य सरकार से भी संपर्क करके इस मसले का हल निकालने का प्रयास करूंगा। वर्तमान में मात्र तीस प्रतिशत या उससे भी कम शिक्षक कार्यरत हैं। अत्यधिक विकट परिस्थिति में भी शिक्षकों की कम से कम साठ प्रतिशत की संख्या होनी ही चाहिए। उससे कम शिक्षक रहने पर नैक मूल्यांकन भी ठीक से नहीं हो पाएगा।
कुलपति ने पदोन्नति व्यवस्था को भी नियमित करने की दिशा में पहल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति से संबंधित मूल्यांकन प्रक्रिया सतत चलती रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोई शिक्षक उनसे बिना किसी संकोच के मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। कुलपति ने कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक को वार्षिक प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश भी दिया।