सलाखों के पीछे सबसे बड़ा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट:NIA को शक- प्रदीप शर्मा मनसुख मर्डर केस का मास्टरमाइंड; उसी ने हत्यारों को हायर किया, कार भी मुहैया कराई
मुंबई
देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर करने वाले ‘सुपरकॉप’ प्रदीप शर्मा अब सलाखों के पीछे पहुंचे चुके हैं। 112 से ज्यादा लोगों का एनकाउंटर कर चुके पूर्व ACP और शिवसेना के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके शर्मा को मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में अरेस्ट किया गया है।
शर्मा के साथ मनीष सोनी और सतीश त्रिभुतकर को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों पर इसी मामले में गिरफ्तार पूर्व API सचिन वझे के विस्फोटक केस में मदद का भी आरोप है। जांच में यह ही सामने आया है कि जिस लाल टवेरा कार में मनसुख को मारा गया वह कार भी शर्मा ने ही मुहैया करवाई थी।
इस केस का मास्टरमाइंड है शर्मा
ये तीनों 28 जून तक नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की कस्टडी में रहेंगे। NIA कोर्ट में पेशी के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने बताया कि सतीश और मनीष सोनी ने दावा किया है कि उन्होंने सचिन वाजे और प्रदीप शर्मा के आदेश पर मनसुख हिरेन की हत्या की थी। दोनों को इस काम के लिए वझे ने काफी पैसे दिए थे।
NIA को यह भी संदेह है कि इस विस्फोटक केस का पूरा मास्टर माइंड प्रदीप शर्मा ही हो सकता है। हालांकि, इसकी पुष्टि सचिन वझे और शर्मा को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ के बाद ही हो सकेगी।
मनसुख को मारने के बाद हत्यारों ने शर्मा को किया फोन
NIA ने अदालत में बताया है कि सतीश और मनीष ने मनसुख हिरेन की हत्या करना कबूल किया है। हत्या के बाद दोनों ने प्रदीप शर्मा और सचिन वाजे से संपर्क किया था। NIA को इसके पुख्ता इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी मिले हैं। शर्मा के घर से बरामद डिजिटल डिवाइस(मोबाइल, लैपटॉप और हार्डडिस्क) की फ़ॉरेंसिक जांच के NIA इस मामले में और बड़े खुलासे कर सकती है।
इन पांचों ने की मनसुख की हत्या
मनसुख हिरेन की हत्या में सतीश, मनीष, संतोष शेलार, आनंद जाधव, पूर्व इंस्पेक्टर सुनील माने और सचिन वझे शामिल था। सूत्र यह बताते हैं कि हत्या की साजिश में पूरा दिमाग प्रदीप शर्मा का ही था। सचिन वझे जल्द फेमस होने की मंशा के साथ शर्मा के पास गया था और बतौर गुरु शर्मा ने ही उसे एंटीलिया के बाहर बिस्फोटक भरी स्कार्पियो खड़ी करने का तरीका सुझाया था। कांस्टेबल विनायक शिंदे भी शर्मा के कहने पर सचिन वझे के साथ जुड़ने को तैयार हुआ था।
शर्मा के घर से मिली एक अवैध पिस्तौल
एनआईए ने अदालत को बताया कि प्रदीप शर्मा के घर से एक पिस्टल और कुछ जिंदा कारतूस मिले हैं। पेशी के दौरान अदालत ने पूछा कि एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के घर में इतने कारतूस और पिस्तौल क्यों थे? इसके जवाब में शर्मा ने कहा कि मैंने 1997 में यह पिस्तौल खरीदी थी। इसके सभी कागज और लाइसेंस मेरे पास हैं। मैंने इसके लाइसेंस के रेनुवल के लिए अप्लाई किया है। अभी भी यह प्रक्रिया लंबित है।
माने ने मनसुख को हत्यारों को सौंपा
एनआईए ने अदालत को बताया कि जिस दिन मनसुख की हत्या हुई, इसे पूर्व इंस्पेक्टर सुनील माने ने फोन कर बुलाया और दोनों उसे लेकर सतीश मोतकरी, मनिष सोनी, संतोष शेलार और आनंद जाधव के पास गए और इन्हें मनसुख को सौंप दिया। इसके बाद ये चारों एक कार में मनसुख को लेकर गए और उसकी हत्या कर दी। जिस गाड़ी में मनसुख सवार था, उसे मनीष सोनी चला रहा था।
बर्खास्त इंस्पेक्टर सुनील माने का नाम सामने आने के बाद आज फिर से NIA ने उसकी कस्टडी की मांग की है। NIA ने अदालत को बताया कि हम उससे शर्मा और सचिन वझे के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहते हैं।
अदालत में शर्मा ने दिया यह तर्क
अदालत में सुनवाई के दौरान शर्मा ने कहा कि उनकी बैंक डिटेल, सीडीआर सभी कुछ NIA के पास हैं। सिर्फ एक पिस्तौल के रिन्यू नहीं करवाने पर उन्हें NIA की कस्टडी में नहीं भेजा जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि अगर वह हिरेन की हत्या में शामिल होता तो वह यहां रुकता नहीं। पकड़े गए चारों को मैं जानता भी नहीं। संतोष मेरी पुरानी खबरी है।
एंटीलिया केस में अब तक यह हुए अरेस्ट
1. सचिन वझे 2. विनायक शिंदे 3. रियाज काजी 4. सुनील माने 5. नरेश गोर 6. संतोष शेलार 7. आनंद जाधव 8. प्रदीप शर्मा
Bureau Chief-
साकिब हुसैन
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