
वन विभाग ने दो दर्जन घरों को जेसीबी से ढहाया
बेघर हुए परिवार पेड़ के नीचे ली शरण
महिलाएं एवं किशोरी हुई बेहोश
जाँच में आए उप जिलाधिकारी न्यायिक ने घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन
मंडल ब्यूरो चीफ चंद्रजीत सिंह की रिपोर्ट
राजगढ़, मिर्जापुर!
स्थानीय थाना क्षेत्र के सृकृत वन रेंज में तालर ग्राम पंचायत में वन भूमि पर लगभग 6 दशक पूर्व अवैध रूप से कब्जा कर बनाये गए कच्चे मकान को वन विभाग द्वारा जेसीबी लगाकर सोमवार को जमीदोज कर दिया गया। जिससे बेघर हुए दर्जनों परिवार के लोग छोटे छोटे बच्चों को लेकर भूख प्यास से व्याकुल तपती धूप में पेड़ के नीचे रात व दिन गुजार रहे हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर पहुंचे एसडीएम न्यायिक संजीव कुमार यादव ने बेघर हुए लोगों को जमीन उपलब्ध कराने का आश्वाशन दिया।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर सोमवार को वन विभाग की टीम जेसीबी लेकर पहुंची और तालर ग्राम पंचायत में वनभूमि पर बनाये गए लगभग तीस कच्चे मकान व झोपड़ियों को ढहा दिया। जिससे खाने पीने की वस्तुएं भी घर के मलबे में दब गई। जिससे पीड़ितों को खाने पीने के लाले पड़ गए। बेघर हुए दया गौड़, सोमारू, नीरज कोल, बोखे कोल, मित्तल कोल, श्याम देवी, सुमन, बचाऊ, लालचंद, गिरजा, गुल्ली, लाल बिहारी, शिव प्रसाद, राजेश, विजेन्द्र सहित अन्य लोगों ने बताया कि लगभग 50 वर्षों से घर मकान मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते थे। वन विभाग की ओर से घर खाली करने के लिए उन्हें पूर्व में कोई नोटिस नहीं दी गयी और न ही जमीन का सीमांकन किया गया। सोमवार को अचानक जेसीबी द्वारा हाईकोर्ट का हवाला देकर उनके घरों को ढहा दिया गया। जिससे खाने पीने की वस्तुएं चावल, गेंहू, आलू, प्याज सहित आदि वस्तुए तथा चारपाई, विस्तर,कपड़े सहित घर गृहस्थी के समान भी मलबे में दब गए। आरोप है कि घर ढहाते समय माधुरी पत्नी बिजेंद्र व सुमन पत्नी मनोज चोटिल भी हो गयी। बेघर हुए भूख प्यास से व्याकुल छोटे छोटे बच्चे, वृद्ध व अन्य महिला, पुरूष पेड़ के नीचे गुजारा कर रहे हैं। पड़ोसी गांव के ग्राम प्रधान महेश कोल द्वारा बेघर हुए लोगों को भोजन की व्यवस्था कराई। जिलाधिकारी के निर्देश पर मंगलवार को एसडीएम संजीव कुमार यादव, तहसीलदार आशीष पांडेय राजस्व टीम के साथ तथा सीओ ऑपरेशन मुनेंद्र पाल सिंह, थानाध्यक्ष महेंद्र पटेल मयफोर्स मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किये। इस दौरान एसडीएम ने बेघर हुए लोगों को जमीन आवंटित कराने का आश्वासन दिया।
पट्टे की जमीन में बना घर भी हो गया जमींदोज
धनुषधारी पुत्र राम बहाल ने बताया की लगभग तीस वर्ष पहले उन्हें दो बीघा जमीन पट्टा मिली थी तथा पट्टे की जमीन पर खेती बाड़ी कर जीवन यापन करने के लिए सरकार की ओर से बैल ख़रीने के लिए पैसे भी दिए गए थे। जिससे बैल खरीद कर खेती बाड़ी कर रहे थे। साथ ही पट्टे में मिली जमीन पर कच्चा घर बना कर रहते थे। जिसे सोमवार को वन विभाग द्वारा मनमाने ढंग से जेसीबी से ढहा दिया गया।
पेड़ के नीचे बेहोश हुई महिला एवं किशोरी
तपती धूप में घर से बेघर हुई सुमन 38 वर्ष पत्नी मनोज कुमार एवं रुचि 15 वर्ष पुत्री सोमारु तपती धूप से बेहोश होकर गिर पड़ी।