पीएसपीसीएल के एसडीओ और जेई को लापरवाही के कारण गंभीर चोट लगने का दोषी ठहराया गया
अमलोह,अप्रैल 2025(अजय कुमार)
श्री परसमीत ऋषि, उप-मंडल न्यायिक मजिस्ट्रेट, अमलोह की माननीय अदालत द्वारा दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में, पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के जसविंदर सिंह (उप-मंडल अधिकारी) और दर्शन सिंह (जूनियर इंजीनियर) को भारतीय दंड संहिता की धारा 338 के तहत लापरवाही से गंभीर चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया है।
यह मामला 22.04.2014 की एक गंभीर घटना से संबंधित है जिसमें भड़ला ऊंचा गांव के एक निजी इलेक्ट्रीशियन परविंदर सिंह को आरोपी अधिकारियों के कहने पर 11 केवी ट्रांसफार्मर की मरम्मत करते समय बिजली का गंभीर झटका लगा था। बिजली की आपूर्ति बंद नहीं की गई थी और कोई सुरक्षा उपाय भी नहीं किए गए थे। दुखद परिणाम यह हुआ कि परविंदर सिंह का दाहिना हाथ कट गया और उनकी दाहिनी आंख की रोशनी चली गई।
चिकित्सा विशेषज्ञों और पीएसपीसीएल के लाइनमैन सहित अभियोजन पक्ष के बारह गवाहों की गहन सुनवाई और जांच के बाद, न्यायालय ने माना कि दोनों आरोपियों ने बिना उचित कनेक्शन या सुरक्षात्मक गियर के एक अप्रशिक्षित नागरिक को उच्च जोखिम वाली मरम्मत कार्य करने का निर्देश देकर जल्दबाजी और लापरवाही से काम किया।
माननीय न्यायालय ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोक सेवकों द्वारा इस तरह की घोर लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब इससे किसी व्यक्ति की 100% स्थायी विकलांगता हो जाती है। यह भी कहा गया कि आरोपियों के कार्यों ने न केवल जीवन को खतरे में डाला, बल्कि सरकारी अधिकारियों से अपेक्षित देखभाल के मौलिक कर्तव्य का भी उल्लंघन किया।
दोनों दोषियों को दो साल के कठोर कारावास और 1,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है और भुगतान न करने पर सात दिन की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई गई है।
शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता मनीष मोदी ने किया। अभियोजन पक्ष का नेतृत्व एपीपी श्री भुवन कथूरिया ने किया।
यह निर्णय इस सिद्धांत को पुष्ट करता है कि कोई भी सार्वजनिक अधिकारी जवाबदेही से परे नहीं है, तथा यदि सरकारी कर्तव्य के निर्वहन में लापरवाही के कारण दूसरों को चोट पहुंचती है तो उसके लिए सख्त कानूनी परिणाम भुगतने होंगे