
लोकेशन टीकमगढ़
जिला ब्यूरो
महेंद्रकुमार दुबे बॉबी
जतारा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सतगुवा में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप
जतारा जनपद सीईओ पर शिकायतों की बौछार
फिर भी कोई कार्यवाही का न होना सवालों के घेरे में
जनपद पंचायत जतारा में दो जनपदों का चार्ज लेने वाले जनपद सीईओ सिद्ध गोपाल वर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसकी शिकायत लगातार ग्राम पंचायत सतगुवा की महिला सरपंच संगीता यादव द्वारा प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समस्त अधिकारियों तक की जा चुकी हैं। इसके बावजूद, न तो कोई ठोस कार्रवाई की गई है और न ही सरपंच की शिकायतों पर कोई ध्यान दिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत सतगुवा के सरपंच का आरोप है कि सिद्ध गोपाल वर्मा द्वारा उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और उनके कार्यों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। भ्रष्टाचार की शिकायतें प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक की जा चुकी हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।
ग्राम पंचायत सतगुवा के ग्राम वासियों द्वारा एक लिखित शिकायत पत्र पंचनामा बनाकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के प्रदेश प्रमुख सचिव के पास की है कि आज लगभग ढाई वर्ष पूरे हो चुके हैं हम ग्राम वासियों को ना तो गांव में रोजगार मिल रहा है सरपंच का कहना है कि आज पूरे ढाई वर्ष से हमारी पंचायत जनपद सीईओ के द्वारा मस्टर शून्य करा दिए गए हैं जिससे हम आप लोगों को काम कहां से दे पाए जबकि जिले के मुखिया का अभी सख्त आदेश है कि गांव के लोगों को गांव में ही काम दिया जाना चाहिए गांव के मजदूर किसी भी हालत में पलायन नहीं करना चाहिए परंतु जिले के मुखिया के आदेश को ताक पर रखकर जनपद सीईओ के द्वारा मनमानी करने का आरोप ग्राम वासियों ने लगाते हुए शिकायत की है
ग्राम पंचायत सतगुवा सरपंच का कहना है कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए ना केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि उनके खिलाफ विभिन्न प्रकार की कानूनी कार्रवाइयां भी की जा रही हैं। यह स्थिति प्रशासन की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के प्रयास की ओर इशारा करती है।
सरपंच का कहना है कि वे लगातार इस मुद्दे को लेकर शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और उच्च स्तरीय नेताओं की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका आरोप है कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है, जबकि वे अपने गांव और पंचायत को बेहतरीन बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं जिस पर पंचायत में नियुक्त उप यंत्री एवं जनपद सीईओ के द्वारा पूरी तरह से पानी फेर जा रहा है ऐसा ग्राम वासियों एवं सरपंच का आरोप है
यह घटना स्पष्ट रूप से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है। मुख्यमंत्री और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को इस गंभीर मामले पर शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। क्या भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले सरपंचों को ही निशाना बनाया जाएगा? या फिर प्रशासन इस मुद्दे को लेकर एक सख्त कदम उठाएगा
यह मामला अब यह सवाल उठाता है कि प्रशासन क्या सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों को बचाता रहेगा, या फिर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करेगा।
क्या कहते हैं गांव की सरपंच जब इस बारे में गांव की सरपंच संगीता यादव से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज पूरे ढाई वर्ष से हमारी पंचायत में कोई मनरेगा का काम नहीं चल रहा है मास्टर शून्य है हम मज़दूरों को कहां से काम दे पाएंगे और जिले के मुखिया के आदेश का पालन हम कहां से कर पाएंगे क्योंकि हमारी मजबूरी मात्र जनपद सीईओ एवं यहां पर पदस्थ उप यंत्री हैं
जब इस बारे में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा
संगठन के प्रदेश प्रमुख सचिव एवं समाजसेवी राम रतन दीक्षित से बात की गई तो उन्होंने कहा की भ्रष्टाचार के खिलाफ एवं मानव अधिकारों के शोषण के खिलाफ हमारा सगठन हमेशा जनमानस के हितों को ध्यान में रखते हुए एक पैर पर खड़ा रहता
है और हमेशा खड़ा रहेगा