
खबर सपा के आंतरिक सूत्रो के आधार पर पर्काशित
सपा मे बढ़ती गुटबाजी गर्त मे धकेल रही है सपा को
सहारनपुर
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष की पीडीए विरोधी मानसिकता उजागर
सहारनपुर में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अब्दुल वाहिद के बयान से पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का अपमान हुआ है। उन्होंने अखिलेश यादव के बयान को गलत तरीके से अपने नाम के साथ भावी प्रत्याशी या भावी विधायक नहीं लिख सकता, उस बयान को उल्टा सीधा बोलकर सहारनपुर जिले में निरंतर काम करने वाले समाजवादी पार्टी के नेताओं का अपमान करने और मनोबल गिराने में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अब्दुल वाहिद की मानसिकता सामने आई है।
पीडीए नेताओं का अपमान
चौधरी इंदरसेन (गुर्जर समाज), जसवीर वाल्मीकि (दलित समाज), अभिषेक टिंकू अरोड़ा (सिख समाज) और हैदर अली (मुस्लिम समाज) जैसे नेताओं को अपमानित करने का काम किया गया है। ये नेता अपनी-अपनी विधानसभा में पार्टी के लिए बतोर पर्भारि काम कर रहे हैं और जनता की समस्याओं का निस्तारण कर रहे हैं।
पीडीए विरोधी मानसिकता
जिला अध्यक्ष के बयान से पीडीए समुदाय में रोष उत्पन्न हुआ है। यह बयान जिला अध्यक्ष की पीडीए विरोधी मानसिकता को उजागर करता है और पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में बाधक हो सकता है।
हाईकमान की भूमिका
हाईकमान को इस मामले में गौर करना चाहिए और जिला अध्यक्ष के बयान की जांच करनी चाहिए। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सहारनपुर जिले की सातों विधानसभा पर भारी नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष
जिला अध्यक्ष का बयान घोर निंदनीय है और किसी षड्यंत्र की तरफ इशारा करता है। समाजवादी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के प्रति गलत बयान देकर सहारनपुर जिले में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई है।
आगे की कार्रवाई
हाईकमान को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और जिला अध्यक्ष के बयान की जांच करनी चाहिए। अगर जांच में जिला अध्यक्ष दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
पार्टी की एकता
समाजवादी पार्टी की एकता और मजबूती के लिए हाईकमान को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है।
रिपोरटर रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़