ब्यूरो चीफ सुंदरलाल जिला सोलन
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय 14 जीटीसी सुबाथू में एक भव्य एवं भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के सहायक कर्मचारियों के योगदान को सम्मानपूर्वक सराहा गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में श्रम के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना और श्रमिकों के महत्त्व को समझाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके पश्चात छात्रों ने एक भावनात्मक समूह गीत प्रस्तुत किया। यह प्रस्तुति संगीत शिक्षिका प्रोमिला नेगी के निर्देशन में तैयार की गई थी, जिन्होंने छात्रों को गीत की भावनात्मक गहराई समझाते हुए रचना को बेहद प्रभावशाली बनाया। गीत ने पूरे वातावरण को भावुक कर दिया और श्रोताओं को श्रमिकों के प्रति कृतज्ञता से भर दिया।
सुनिल कुमार, पीजीटी भूगोल, ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में श्रमिक दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, 1886 के शिकागो आंदोलन, तथा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की स्थापना और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “श्रमिक सिर्फ कामगार नहीं होते, वे राष्ट्र निर्माण के स्तंभ होते हैं। जब हम उनके सम्मान में एक शब्द भी बोलते हैं, तो हम मानवता को मजबूत करते हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों से श्रमिकों को सम्मान और स्नेह देने की अपील की।
विद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. पंकज कपूर ने विद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों – लीला देवी (सफाईकर्मी), धनवंती (सफाईकर्मी), अनीता (माली), देवेंद्र कुमार (सुरक्षा गार्ड), हेमराज (सुरक्षा गार्ड) और हरनाम सिंह (सुरक्षा गार्ड) – की सेवा, समर्पण और निष्ठा को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमारा विद्यालय इनकी मेहनत की बुनियाद पर खड़ा है। ये कर्मयोगी बिना किसी दिखावे के अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करते हैं, जो सभी के लिए प्रेरणा है।”
कार्यक्रम के प्रभावी संचालन एवं रूपरेखा निर्माण में पीजीटी अंग्रेज़ी सुश्री सुषमा की विशेष भूमिका रही। उन्होंने न केवल मंच संचालन किया, बल्कि पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित और अर्थपूर्ण बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया।
विद्यालय स्टाफ क्लब की ओर से सभी सहायक कर्मचारियों को सम्मान पत्र और उपहार भेंट किए गए। यह क्षण न केवल सम्मानजनक था, बल्कि विद्यालय परिवार की एकता और संवेदनशीलता को भी दर्शाता था।
कार्यक्रम में शिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं तथा अभिभावक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में श्रमिकों के प्रति सम्मान प्रकट किया। कार्यक्रम का समापन सभी विद्यार्थियों द्वारा “श्रम की गरिमा” पर आधारित संकल्प के साथ हुआ। यह कार्यक्रम न केवल एक समारोह था, बल्कि एक सीख थी – कि हर श्रमिक, हर कार्यकर्ता सम्मान का अधिकारी है।