
विधवा अभिभावक पहुंची डीएम के दरबार में
ट्यूशनबाजी के आरोप में फंसा सेंट मैरीज एकेडमी
सीबीएसई के नियमों के विरुद्ध कक्षा 11 के 40 स्टूडेंटस धनबल से कर दिये पास
विधवा अभिभावक पहुंची डीएम के दरबार, पूरे मामले पर डीआईओएस को जांच
सहारनपुर (दै.अन्त तक): कभी शहर के टॉप स्कूलों में आने वाला सेंट मैरीज एकेडमी इन दिनों ट्यूशनखोरी का बड़ा अड्डा बन गया है। यह किसी का कथन नहीं है, बल्कि एक महिला अभिभावक ने डीएम मनीष बंसल से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी। जिसके बाद शिक्षा के क्षेत्र के अति गंभीर इस मामले में डीएम ने डीआईओएस को जांच सौंप दी है। इतना ही नहीं स्कूल प्रशासन पर अन्य अति गंभीर आरोप भी लगे हैं। प्रिंसीपल की डिग्री पर भी सवाल उठाये गये हैं।
क्या है पूरा मामला
सेंट मैरीज एकेडमी में कक्षा 11 के एक छात्र की मां ने जिलाधिकारी मनीष बंसल को जानकारी दी कि कक्षा 11 में पढ़ रहे उसके बेटे को इसलिए फेल कर दिया गया है, क्योंकि वे ट्यूशन नहीं पढ़ सका। उसके पिता नहीं है और आर्थिक बदहाली के चलते वह ट्यूशन नहीं पढ़ सके। जबकि कक्षा 11 के 40 के करीब स्टूडेंट्स फेल किये गये, जिनमें से ज्यादातर ने ट्यूशन रखी और पांच से छह हजार रुपये प्रति छात्र दिये, ऐसे में अन्य सभी को पास कर दिया गया। यहां काबिले गौर है कि सीबीएसई के नियमों के तहत भी एक से ज्यादा विषय में फेल स्टूडेंट्स को पास नहीं किया जा सकता, जबकि यहां पांच-पांच विषयों में फेल स्टूडेंट्स को किस लिहाज से पास किया गया यह बड़ा सवाल है।
बड़ी संख्या में छोटी क्लास के बच्चों को किया फेल
इतना ही नहीं सेंट मैरीज एकेडमी में बड़ी संख्या में कक्षा छह से आठ तक के उन बच्चों को फेल किया गया है। जो कि ट्यूशन नहीं ले पाये। ऐसे अनेक बच्चों के अभिभावकों ने बच्चों की कापियां दिखाने की मांग की, पर उन्हें कापियां भी नहीं दिखायी गई। यहां सवाल यह उठ रहा है कि जब कक्षा 11 में पांच पांच सब्जेक्ट में फेल स्टूडेंट्स पास कर दिये गये तो छोटी क्लास के बच्चों को फेल क्यों किया गया। सीबीएसई के नियमों के तहत भी उन्हें फेल नहीं किया जा सकता और समय देकर इक्जाम देने पर पास की व्यवस्था है, पर इसे इस स्कूल में क्योंकर लागू नहीं किया गया।
इक्जाम कमेटी में ट्यूशनबाज टीचर्स
सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि स्कूल में ट्यूशनखोर टीचर्स को ही इक्जाम कमेटी में रखा जाता है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे शिक्षक समय-समय पर फादर व प्रिंसीपल को गिफ्टों से नवाजते हैं और ऐसे में ही वे उनके विरुध कोई एक्शन नहीं लेते। इससे स्कूल की सभी नीतियां व नियम ध्वस्त हो गये हैं।
इन टीचरों पर है निशाना
सूत्रों की माने तो स्कूल के जिन टीचर्स पर यह खेल खेलने का आरोप है उनमें विजय शर्मा व सुशील कुकरैती का नाम पहले नम्बर पर है, जो ट्यूशन के सिरमौर बताये जा रहे हैं। ये आरोप है कि कक्षा 11 व 12 के स्टूडेंट्स को खुलेआम ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। 15 साल से ये इक्जाम कमेटी में बने हैं और यही कारण है कि बहुत प्रभावशाली बन गये हैं। चौंकाने वाली बात यह कि स्कूल से कुछ मीटर की दूरी पर घर होने के बावजूद बैखोफ ट्यूशन पढ़ा रहे हैं। इन्हें इक्जाम कमेटी में भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जबकि कक्षा छह से आठ में जिन टीचर्स पर ट्यूशनखोरी व बच्चों को फेल पास करने में दिलचस्पी के आरोप है, उनमें ईशा मिगलानी, विवेक टुटेजा आदि प्रमुख बताये जाते हैं।
आठ वर्ष पूर्व ट्यूशन पर निकाला था टीचर
सेंट मैरीज एकेडमी की पूर्व में प्रतिष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आठ वर्ष पूर्व अरविन्द धीमान नामक टीचर को ट्यूशन पढ़ाते हुए पकड़ लिया गया था। मात्र चार पांच बच्चों को पढ़ाने के बावजूद उनको स्कूल से निकाल दिया गया था और आज वह किसी अन्य स्कूल में सेवायें दे रहे हैं। आज हालत ये हो गई है कि आधा दर्जन से ज्यादा टीचर खुलेआम ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, पर कोई रोक नहीं है। पर अब कोई मैनेजमेंट नहीं। इतना ही नहीं स्कूल की प्रिंसीपल भी आरोप लगे हैं। उन्हें स्टूडेंट्स को पढ़ाने का कोई तर्जुबा नहीं है तो फिर वे इतने जिम्मेदारी के पद पर कैसे बैठाई गई। उनकी डिग्री की जांच की भी मांग की गई है।
डीएम ने बैठाई जांच
जिलाधिकारी मनीष बंसल ने इस अति गंभीर मामले में जांच बैठा दी है। पूरे मामले की जांच जिला विधालय निरीक्षक रेखा सुमन को सौंपी गई है। जिसके बाद स्कूल प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। बहरहाल, ईमानदार जिलाधिकारी मनीष बंसल पर अभिभावकों ने पूरा भरोसा दिखाया है। सभी ने स्कूल में फेल किये गये बच्चों की कापियों की जांच की भी मांग की है।
वही गागलहेड़ी मे भी कुछ शिक्षण सस्थानों मे ये धंधा बड़े जोरो के साथ चल रहा है। कुछ छात्रो के फेल करने पर उनके अभिभावकों को कॉपी तक नहीं दिखाई गई।
रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़