
नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
दारू प्रखंड में मनरेगा अधिनियम को बताया जा रहा है ठेंगा
कूप निर्माण से एक महीने पूर्व हो गई लाखों की निकासी
हजारीबाग/दारू: प्रखंड में भ्रष्टाचार और मनरेगा कार्यों का क्रियान्वयन अजीबोगरीब तरीके से संपादन किया जा रहा है। आज सभी प्रकार के मनरेगा का कार्य मशीन द्वारा किया जाता है, और मजदूरों के नाम से महीने पूर्व लाखों रुपए की निकासी किया जाता है। पुनाई पंचायत के बसरिया गांव में भोला पासवान नामक लाभुक के नाम से स्वीकृत कुआं 2024 में हुआ है।यह बिरसा सिंचाई कूप निर्माण करना था। जिसमें आज से एक महीने पूर्व 13 अप्रैल 2025 को 77832 रुपए का निकासी कर लिया गया है। वही धरातल पर कुएं का निर्माण 16 मई 2025 को जेसीबी मशीन के द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी देने के बाद भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किया गया। मनरेगा कंनीय अभियंता विशाल कुमार से पूछे जाने पर इससे पूर्व पदस्थापित कंनीय अभियंता सुनील मेहता का नाम बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया, और कहा कि यह पूर्व जेई के समय में एमबी बुक किया गया होगा, और निकासी किया होगा। वहीं मनरेगा बीपीओ राजीव आनंद से बात करने पर किसी भी प्रकार की जानकारी देने से कतराते हुए फोन काट दिया। इससे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि मनरेगा की अधिकारियों की मिलीभगत से इस प्रकार का कार्य किया जाता है। जिओ टैग करने, रेकॉर्ड खोलना, डिमांड लगाने, मास्टर रोल का फर्जी निकासी सहित कई तरह का मामला सामने आते रहता है। मनरेगा के तहत कूप निर्माण करने से एक महीने पूर्व लाखों रुपए की निकासी कर ली जाती है। तो जिओ टैग करने के पूर्व ही टीसीबी, डोभा, मेड़बंदी सभी मशीन के द्वारा निर्मित किया जाता है, और मनरेगा अधिनियम के तहत सरकार को रोजी रोजगार बढ़ाने के लिए गरीब मजदूरों की रोजी पर धत्ता बताते हुए मनमानी किया जाता है। संबंधित अधिकारी एवं बिचौलिए करोड़पति बन गए हैं, और मजदूर रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। इसे कोई देखने वाला नहीं है। वही झूठा दावा करके करोडो अरबो रुपए का मशीन से कार्य करवा कर निकासी किया जाता है, और मनरेगा कार्य में बीपीओ एवं अन्य अधिकारियों को वरीया अधिकारियों द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। जो मनरेगा अधिनियम के विरुद्ध काम करते हैं। उन्हें अधिकारियों को पैसे के बल पर सम्मानित किया जाता है।