
गरीब किसान आदिवासी अपनी मागों को लेकर भीषण गर्मी में बीते छः रोज से कलेक्ट्रेट परिसर छतरपुर के सामने जायज मागों को लेकर धरने आमरण अनशन पर बैठे गरीब किसान आदिवासी के आन्दोलन को कुचल दिया गया रात के समय धरना स्थल पर पुलिस प्रशासन के साथ भारी संख्या में पुलिस बल ने आन्दोलन के आगुआ अमित भटनागर सहित तीन चार किसानों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया उसके बाद रोदृ रुप दिखाते हुए हुए किसानों ओर महिलाओं की निर्मम पिटाई कर दी धटना स्थल से जबरन खदेड़ दिया गया इस अमानवीय हरकत का कोई सबूत नहीं रहे इसलिए उनके मोबाईल तक छुड़ा लिए गए आदिवासी किसान महिलाएं ओर उनके छोटे छोटे बच्चे रोते चिल्लाते रहे लेकिन प्रशासन पुलिस कर्मियों का दिल नही पसीजा जितेन्द्र निगम असल में कैन बैतवा लिग परियोजना के तहत डूब क्षेत्र में आ रहे लगभग पन्द्रह गॉव के गरीब किसान आदिवासी सरकार द्वारा गोपनीय तरीके से कराये गये सव्रे ओर मुआवजे के निध्रारण में खिन्न है प्रशासन द्वारा गुपचुप तरीके से सव्रे कर लिया गया फर्जी ग्राम सभाओं का आयोजन कर प्रशासन ग्रमीणो को गुमराह करती रही प्रशासन अपनी मनमानी से बाज नही आया ओर यहाँ तक गुपचुप प्रशासनिक कार्य वाही को धारा 11 के तहत कार्यबाही घोषित कर दी गई किसानों की मांग है कि पारदर्शिता के परखच्चे उड़ा दी गई धारा 11 के तहत की गई कार्यबाही को निरस्त कर नये सिरे से निष्पक्षता ओर पारदर्शिता तरीके से उसे अंजाम दिया जाए
जितेन्द्र निगम व्यूरो इन्डियन टीवी न्यूज़ छतरपुर