
बाल श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए योजनाओं का लाभ दिलाया जाय – जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने नया सवेरा योजना में कम प्रगति पर व्यक्त की नाराजगी
जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बाल श्रम उन्मूलन समिति की बैठक संपन्न हुई। जिसमें बाल श्रम उन्मूलन के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाल श्रमिकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए योजनाओं का लाभ दिलाया जाय। उन्होंने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार चिन्हित 20 से अधिक कामकाजी बच्चों वाले हॉटस्पॉट ग्रामों को बाल श्रम मुक्त घोषित करना और कामकाजी बच्चों का शैक्षिक व बौद्धिक विकास करके उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने हेतु नया सवेरा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने जनपद गोंडा में नया सवेरा योजना के अंतर्गत लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति कम पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की जाए।
श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बताया की वित्तीय वर्ष 2020 – 21 में बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत जनपद गोंडा में चिन्हित बाल श्रमिकों की संख्या 151 है। बाल श्रमिक विद्या योजना का उद्देश्य 8 से 18 आयु वर्ग के ऐसे कामकाजी बच्चों व किशोर – किशोरियों द्वारा की जा रही आय की क्षतिपूर्ति पूर कर उनका विद्यालयों में प्रवेश कराकर निस्तारण सुनिश्चित कराना है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, एडिशनल एसपी शिवराज, एडीएम राकेश कुमार सिंह तथा डीपीओ सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
जिला ब्यूरो आवैश अंसारी